Ram temple in Ayodhya: राम मंदिर के दूसरे तल की शिलाएं तराशने में लगेंगे तीन वर्ष
गढ़ी जा चुकी हैं श्रीरामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर के प्रथम तल की शिलाएं। अभी बाकी है दूसरे तल की शिलाओं की तराशी अब इसमें तेजी लाने की तैयारी।
अयोध्या, (रघुवरशरण)। श्रीरामजन्मभूमि पर प्रस्तावित दो तल के मंदिर के लिए प्रथम तल की शिलाओं का काम तो पूरा हो गया है लेकिन, दूसरे तल की शिलाएं तराशने में करीब तीन वर्ष का समय और लगेगा। हालांकि अब इसमें तेजी लाने की भी तैयारी है। श्रीराम मंदिर के लिए शिलाएं तराशने का काम सितंबर, 1990 में शुरू हुआ था। तीन दशक की अवधि के दौरान करीब एक दशक तक कार्यशाला की गतिविधियां ठप भी रही हैं। बाकी दो दशक तक चले काम का नतीजा है कि प्रथम तल की शिलाओं की तराशी पूरी की जा चुकी है।
गत वर्ष 9 नवंबर को रामलला के हक में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद अब जबकि राममंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन की तारीख मुकर्रर होने लगी है, तब दूसरे तल की शिलाओं की तराशी का सवाल भी फलक पर है। बुनियाद तैयार होने के बाद मंदिर निर्माण के लिए जिस सामग्री की जरूरत होगी, उसमें सर्वाधिक अहम तराशी गईं शिलाएं हैं। श्रीराम मंदिर निर्माण की शुरुआत प्रथम तल के लिए तराशी गई शिलाओं से होगी, लेकिन काम आगे बढऩे के साथ दूसरे तल की शिलाओं की भी जरूरत पड़ेगी, जबकि दूसरे तल की शिलाओं की तराशी की अभी शुरुआत तक नहीं हो सकी है।
न्यास कार्यशाला के प्रभारी अन्नू भाई सोमपुरा बताते हैैं कि बाकी बची शिलाओं की तराशी अगले तीन साल में संभव है और इसके लिए दो से ढाई सौ शिल्पियों को एक साथ लगाए जाने की योजना है। सोमपुरा ने कहा कि इससे अधिक कारीगरों को जुटाना कठिन है। राजस्थान एवं गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में ही इस तरह के कारीगर मिलते हैं और उनकी संख्या सीमित है। रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की इच्छा रखने वाले जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य कहते हैं कि इस तरह के निर्माण में समय लगता ही है और रामभक्तों को इसके लिए तैयार भी रहना चाहिए। दूसरे तल के साथ शिखर की तराशी शेष प्रस्तावित श्रीराम मंदिर 268 फीट लंबा, 140 फीट चौड़ा एवं 128 फीट ऊंचा और अग्रभाग, ङ्क्षसहद्वार, नृत्यमंडप, रंगमंडप व गर्भगृह के रूप में मुख्यत: पांच प्रखंडों में विभाजित है। मंदिर 212 स्तंभों पर टिका होगा।
प्रथम तल के जिन 106 स्तंभों की तराशी की जा चुकी है, वे करीब 10 फीट व्यास वाले, 16 फीट छह इंच ऊंचे तथा प्रत्येक यक्ष-यक्षणियों की 16 मूर्तियों से युक्त हैं। अभी अधिकांश स्तंभों पर मूर्तियों का अंकन बाकी है, जबकि दूसरे तल के लिए भी 106 स्तंभों की तराशी की जानी है। यह स्तंभ प्रथम तल के स्तंभों की ही तरह होंगे। हालांकि इनकी ऊंचाई प्रथम तल के स्तंभों की अपेक्षा दो फीट कम होगी। प्रथम मंजिल का आठ फीट ऊंचा और 10 फीट चौड़ा चबूतरा परिक्रमा मार्ग के रूप में प्रयुक्त होगा और प्रथम तल के अन्य हिस्सों की तरह इसकी तराशी की जा चुकी है। मंदिर का आधार चार फीट नौ इंच ऊंचे एक अन्य चबूतरे से युक्त होगा और इसी चबूतरे पर प्रथम तल का स्तंभ स्थापित होगा। प्रथम मंजिल 18 फीट और दूसरी मंजिल 15 फीट नौ इंच ऊंची है। इसके बाद 16 फीट तीन इंच ऊंचा प्रकोष्ठ एवं 65 फीट तीन इंच ऊंचा शिखर प्रस्तावित है। दूसरे तल के अलावा शिखर और प्रकोष्ठ के पत्थरों की तराशी की जानी शेष है।