IPL 2022: अब बदलेगा यूपी के क्रिकेटरों का भाग्य, लखनऊ की टीम से अब घर में निखरेंगे क्रिकेटर

लखनऊ आइपीएल टीम की घोषणा से उत्तर प्रदेश के युवा क्रिकेटरों के सुनहरे भविष्य की आस जगी है। जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में प्रतिभावान क्रिकेटरों की कमी नहीं रही। यूपी के क्रिकेटरों के लिए एक दशक पहले तक कानपुर ही मक्का रहा।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 09:56 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 07:11 AM (IST)
IPL 2022: अब बदलेगा यूपी के क्रिकेटरों का भाग्य, लखनऊ की टीम से अब घर में निखरेंगे क्रिकेटर
टीम इंडिया के दरवाजे पर दस्तक देना होगा आसान।

लखनऊ, [राजीव बाजपेयी]। ज्ञानेंद्र, कैफ, रैना, भुवी, आरपी, चावला, कुलदीप और पीके...। ये वे खिलाड़ी हैं जिन्होंने मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों के दबदबे और पक्षपात के बावजूद प्रतिभा के बूते भारतीय टीम की कैप हासिल की। क्रिकेटरों की यह सूची और लंबी हो सकती थी, अगर दूसरे राज्यों की तरह यूपी के क्रिकेटरों को भी आइपीएल जैसे बड़े मंचों पर एक्सपोजर मिलता। खैर देर आए-दुरुस्त आए। अब लखनऊ आइपीएल टीम की घोषणा से उत्तर प्रदेश के युवा क्रिकेटरों के सुनहरे भविष्य की आस जगी है। गोयनका ग्रुप (आरपीएसजी ग्रुप) ने 7090 करोड़ रुपये में लखनऊ की टीम ली है।

जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में प्रतिभावान क्रिकेटरों की कमी नहीं रही। यूपी के क्रिकेटरों के लिए एक दशक पहले तक कानपुर ही मक्का रहा। ग्रीन पार्क में ही अंतरराष्ट्रीय मैचों का आयोजन अब तक होता रहा। भारतीय टीम में यूपी के क्रिकेटरों के लिए जगह बनाना कभी आसान नहीं रहा। रणजी और घरेलू मैचों में शानदार प्रदर्शन के बावजूद क्रिकेटर उपेक्षित किए जाते रहे। इसके बावजूद यूपी के क्रिकेटर मैदान में डटे रहे और एक समय ऐसा भी आया जब यूपी के चार से पांच खिलाड़ी एक साथ नीली जर्सी में नजर आए, लेकिन यह दौर भी ज्यादा दिन नहीं चला और सुरेश रैना को छोड़कर दूसरे क्रिकेटर कुछ सीरीज खेलकर विदा होते गए। रैना के टीम में बने रहने की वजह उनका चेन्नई सुपर किंग्स से खेलना भी रहा। चेन्नई सुपर किंग्स में लगातार बेहतर प्रदर्शन करते रहने से टीम इंडिया में भी उनकी पोजीशन बनी रही।

दरअसल, शुरुआत से ही इंडियन प्रीमियर लीग टीम इंडिया के चयन का आधार बन गई थी। ऐसे में उत्तर प्रदेश के लिए आइपीएल टीम की जरूरत महसूस की जा रही थी। अब जब लखनऊ टीम बन गई है तो उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे उत्तर भारत के क्रिकेटरों को भविष्य में एक बड़ा मंच मिलने का रास्ता साफ हो गया।

यूपी के तमाम प्रतिभावान खिलाडिय़ों को आइपीएल खेलने के लिए दूसरे शहरों की तरफ रुख करना पड़ा। राजस्थान रायल्स ने आजमगढ़ के कामरान को तो मुंबई इंडियंस ने इकबाल अब्दुल्ला को कैप दी। मुंबई इंडियंस की ओर से खेलने वाले उमेश यादव भी देवरिया से क्रिकेटर बनने निकले थे।

इकाना बनेगा घरेलू मैदान इकाना इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में करीब पचास हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है 70 एकड़ क्षेत्र में फैले इस स्टेडियम में नौ पिच हैं एक हजार कार और पांच हजार टू- व्हीलर पाॄकग की व्यवस्था है। 530 करोड़ रुपये की लागत से तैयार चार वीआइपी लाउंज हैं। पहले में 232, दूसरे में 228, तीसरे में 144 और चौथे लाउंज में 120 सीट हैं। काश कम होने पर छह फ्लड लाइट्स का भी प्रयोग किया जा सकता है। इकाना स्टेडियम में 2016 से प्रथम श्रेणी के मैच खेले जा रहे हैं। 2018 में भारत व वेस्टइंडीज के बीच पहला टी-20 मैच खेला गया अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का यह होम ग्राउंड रहा है

इसलिए मारी लखनऊ ने बाजी : इंडियन प्रीमियर लीग के अगले सत्र के लिए लखनऊ के अलावा अहमदाबाद, रांची, धर्मशाला, गुवाहाटी और कटक भी रेस में थे। लखनऊ फ्रेंचाइजी के लिए गोयनका समूह ने बोली लगाई, इसके पीछे कई कारण थे। लखनऊ के पास बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर युक्त इकाना स्टेडियम है। यही नहीं सौ किलोमीटर से भी कम दूरी पर कानपुर में भी ऐतिहासिक ग्रीन पार्क स्टेडियम है जो क्रिकेटरों का पंसदीदा मैदान रहा है। इससे फ्रेंचाइजी को थोड़ी ही दूरी पर दूसरा स्टेडियम भी मिल सकता है। इकाना की एयरपोर्ट से सीधी कनेक्टिविटी, बेहतरीन संपर्क मार्ग और शानदार होटलों की वजह से लखनऊ सब पर भारी पड़ा।

शास्त्री ने कहा था इकाना नंंबर वन : भारत और वेस्टइंडीज के बीच के बीच 2018 में टी-20 मैच के दौरान रवि शास्त्री ने इकाना की तारीफ करते हुए इसे भारत का नंबर वन स्टेडियम करार दिया था। वेस्टइंडीज के खिलाडिय़ों ने भी यहां सुविधाओं की तारीफ की थी। अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम ने इसे अपना होम ग्राउंड भी बनाया।

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