जेल में वसूली को लेकर बंदी पर हमले के मामले में जांच दल गठित, दर्ज होंगे बयान

जिला कारागार प्रबंधन की लापरवाही से जेल अस्पताल में बीते शनिवार को बंदी अंशुमान पांडेय से वसूली के विरोध पर हुए हमले के मामले में मुख्यालय ने जांच दल गठित कर दिया है। आज दोपहर जांच दल कारागार में जाकर बंदियों के साथ ही कर्मचारियों के बयान दर्ज करेगा।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 10:15 AM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2020 10:15 AM (IST)
जेल में वसूली को लेकर बंदी पर हमले के मामले में जांच दल गठित, दर्ज होंगे बयान
लखनऊ जिला जेल में वसूली को लेकर बंदियों में मारपीट का मामले में होगी जांच।

लखनऊ, जेएनएन। जिला कारागार प्रबंधन की लापरवाही से जेल अस्पताल में बीते शनिवार को बंदी अंशुमान पांडेय से वसूली के विरोध पर हुए हमले के मामले में मुख्यालय ने जांच दल गठित कर दिया है। आज दोपहर जांच दल कारागार में जाकर बंदियों के साथ ही कर्मचारियों के बयान दर्ज करेगा। आखिरकार हमले का वास्तविक कारण क्या है। समिति ही जांच के बाद पूरे मामले में जेल प्रशासन और बंदी रक्षकों की लापरवाही तय करेगी।

जेल में वसूली के विरोध में हुआ था हमला

सूत्रों के मुताबिक जेल अस्पताल में भर्ती दबंग बंदी सईद ने बंदी अंशुमान पांडेय से रुपयों की मांग की थी। अंशुमान के द्वारा रुपये न देने पर गाली-गलौज की और विरोध पर उस पर ग्लूकोज स्टैंड से हमला बोल दिया था। हमले में अंशुमान गंभीर रूप से चोटिल हुआ था। इसके बाद सईद को तनहाई बैरक में डाल दिया गया था और अंशुमान को भी अलग कर दिया गया था। वहीं, सुरक्षा के दृष्टिगत दोनों बैरकों के आस पास सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी।

जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप, जांच की मांग

अंशुमान के पिता असिस्टेंट कमिश्नर हैं। वह दहेज हत्या के मामले में जेल में बंद है। बताया जा रहा है कि अंशुमान के परिवारीजनों ने पूरे मामले में जेल प्रशासन को दोषी ठहराते हुए जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जेल में आए दिन दबंग बंदी बेटे से रुपयों की मांग करते हैं। जेल के कर्मचारियों की मिली भगत से यह होता है। उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है। इसके साथ ही अंशुमान का बाहर सरकारी अस्पताल में चिकित्सकीय परीक्षण कराने की भी मांग की है।

जेल मुख्यालय प्रवक्ता संतोष कुमार ने बताया कि पूरे मामले की जांच के लिए समिति का गठन किया गया है। मंगलवार को जांच दल जेल में जाकर दोनों बंदियों के बयान दर्ज करने के साथ ही वहां के कर्मचारियों के बयान दर्ज होंगे। इसके बाद पता चलेगा की किसकी लापरवाही से इतनी घटना जेल में हुई। 

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