UP: यमुना के बहाने शायद अन्य नदियां भी तर जाएं, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से बढ़ी उम्मीदें

उत्तर प्रदेश के गंगा बेसिन क्षेत्र में छोटी-बड़ी नदियों में एक भी ऐसी नदी नहीं है जिसे प्रदूषण मुक्त दिखा कर नियंत्रक संस्थाएं अपनी पीठ थपथपा सकें। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सूबे में बेहद प्रदूषित 13 नदियों के हिस्से (स्ट्रेचेज) चिह्नित किए हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 02:59 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 02:59 PM (IST)
UP: यमुना के बहाने शायद अन्य नदियां भी तर जाएं, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से बढ़ी उम्मीदें
कोर्ट ने कहा, शुद्ध पेयजल मुहैया कराना राज्‍यों का संवैधानिक दायित्व है।

लखनऊ, [रूमा सिन्हा]। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को फिर नोटिस जारी कर कहा है कि नदियों की सफाई व स्वच्छ पर्यावरण आपका जिम्मा है। शुद्ध पेयजल मुहैया कराना संवैधानिक दायित्व है। दरअसल, उत्तर प्रदेश की सभी नदियां बेहिसाब प्रदूषित हैं। लखनऊ में गोमती नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए बीते तीन दशक में करोड़ों खर्च किए जा चुके हैं। बावजूद इसके राजधानी की आबादी गोमती के प्रदूषित जल से प्यास बुझाने को मजबूर है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट का यमुना के साथ ही अन्य नदियों को प्रदूषणमुक्त किए जाने के संबंध में दिया गया आदेश नदियों के लिए दूरगामी फैसला साबित हो। 

13 नदियों की गुणवत्ता ज्यादा खराब

उत्तर प्रदेश के गंगा बेसिन क्षेत्र में छोटी-बड़ी नदियों में एक भी ऐसी नदी नहीं है, जिसे प्रदूषण मुक्त दिखा कर नियंत्रक संस्थाएं अपनी पीठ थपथपा सकें। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सूबे में बेहद प्रदूषित 13 नदियों के हिस्से (स्ट्रेचेज) चिह्नित किए हैं। गंगा, यमुना, गोमती, रामगंगा, सई, काली, ङ्क्षहडन, बेतवा, आमी, वरुणा, घाघरा, राप्ती व सरयू नदी प्रदूषण से बेहाल हैं। बोर्ड द्वारा हाल ही में इन प्रदूषित रिवर स्ट्रेचेज की बीते नवंबर की जारी नदी जल गुणवत्ता रिपोर्ट साफ दर्शाती है कि इन नदियों के ज्यादातर मॉनिटङ्क्षरग स्थलों पर नदी की गुणवत्ता बेहद खराब है जो अधिकतर 'डी' और 'ई' श्रेणी में पाई गई है। 

2020 में प्रदूषण से बेहाल नदियां

यमुना के 20 मॉनिटरि‍ंग स्थलों में दो स्थानों पर जल गुणवत्ता 'ई' श्रेणी 14 पर 'डी' व 'सी' श्रेणी चार पर, जबकि गंगा के 22 स्थलों में से 14 पर गुणवत्ता 'डी' व आठ पर 'सी' श्रेणी तथा गोमती के 11 स्थलों में से पांच पर जल गुणवत्ता 'ई', चार पर 'डी' व दो पर 'सी' श्रेणी में पाई गई।  सई नदी के सभी आठ स्थलों पर नदी जल गुणवत्ता 'डी' श्रेणी,  हि‍ंडन के सभी सात स्थलों पर गुणवत्ता 'ई' श्रेणी तथा काली के 10 स्थलों में छह पर जल गुणवत्ता 'ई' व 4 पर 'डी' श्रेणी में पाई गई। बेतवा, वरुणा, घाघरा, रामगंगा, राप्ती, आमी के मॉनिटरि‍ंंग स्थलों पर भी जरूरत गुणवत्ता 'डी' श्रेणी में ही पाई गई जबकि सरयू की गुणवत्ता 'सी' श्रेणी की मिली।

यह हैं श्रेणियां

श्रेणी ए : अच्छा

श्रेणी बी : संतोषजनक

श्रेणी सी : असंतोषजनक

श्रेणी डी : खराब

श्रेणी ई : अत्यंत खराब 

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