International Cat Day 2021: इंसान से कहीं अधिक बेजुबान समझते हैं दर्द, लखनऊ की रजिया बेग के घर में हैं आठ दुर्लभ बिल्लियां

रजिया बताती है कि इंसान से कहीं अधिक बेजुबान दर्द समझते हैं। घर में कोई परेशानी होती है तो इसका एहसास भी कर लेती हैं। मस्ती कम हो जाती है। सभी का कार्ड है और समय-समय पर रैबीज का इंजेक्शन लगवाया जाता है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sun, 08 Aug 2021 06:15 AM (IST) Updated:Sun, 08 Aug 2021 02:04 PM (IST)
International Cat Day 2021: इंसान से कहीं अधिक बेजुबान समझते हैं दर्द, लखनऊ की रजिया बेग के घर में हैं आठ दुर्लभ बिल्लियां
लखनऊ की रजिया बेग के घर में पली हैं आठ दुर्लभ विदेशी बिल्लियां।

जितेंद्र उपाध्याय, लखनऊ: सोफी कम, नूरी ये क्या कर रही हो इधर आओ। कैफ तुम पिटोगे। मोइजा मेरी गोदी में आ जा। किवी की मस्ती और प्रिंस की अठखेलियों के बीच कुछ ऐसी ही आवाजें आती हैं लाटुश रोड के नई बस्ती निवासी मिर्जा इशरत बेग के घर में। पड़ोसी भी ऐसी आवाजों के कायल हो गए हैं। आठ दुर्लभ विदेशी बिल्लियों के साथ पत्नी रजिया बेग का दिन कैसे निकल जाता है, उन्हें पता ही नहीं चलता। रजिया बताती हैं कि बिल्ली को लेकर भ्रांतियां बहुत हैं, लेकिन 12 साल से मेरे घर में बल्लियां हैं जो अब परिवार का हिस्सा बन गईं हैं। पति के साथ बेटे साद व रजा भी इनका ख्याल रखते हैं।

एक बिल्ली पर खर्च होते हैं तीन हजार रुपये

मिर्जा इशरत बेग बताते हैं कि उबली मछली व गोस्त के साथ ही चाकटलेट और कैट फूड व दूध मिलाकर एक बिल्ली पर तीन हजार रुपये महीने का खर्च आता है। अब तो ये परिवार का हिस्सा हो गए हैं। सभी का शैंपू और खाने का बर्तन अलग-अलग है। कोई भी एक दूसरे के खाने पर झपट्टा नहीं मारतीं।

बेड पर बैठते ही आ जाती है टोली

सोफी, कैफ, लीना, नूरी, मोइजा, बनी, किवी व प्रिंसी का नाम लेने से वही आती हैं, लेकिन रजिया बेग के बेड पर बैठते ही सभी एक साथ गोद में आ जाती हैं। रजिया बताती है कि इंसान से कहीं अधिक बेजुबान दर्द समझते हैं। घर में कोई परेशानी होती है तो इसका एहसास भी कर लेती हैं। मस्ती कम हो जाती है। सभी का कार्ड है और समय-समय पर रैबीज का इंजेक्शन लगवाया जाता है। बिल्ली के अलावा घर में तोता व चिडिय़ां भी हैं जो पूरे घर को चिडिय़ाघर का स्वरूप देने का काम करती हैं। वह बताती हैं कि हम सब जानते हैं कि जानवर बोल नहीं सकते हैं, लेकिन अपनी भावना प्रकट कर सकते हैं। ऐसे में बिल्ली जो कि बेहद प्यारी और घरेलू जानवर होती हैं। उसके संरक्षण और मदद की जिम्मेवारी हमलोगों की है। आधुनिक समय में बिल्ली पालने का प्रचलन बढ़ा है। इससे समाज में जागरूकता आई है। मौजूद सभी प्रजातियों का संरक्षण करना हमारा मौलिक कर्तव्य है। मेरा यह छोटा सा प्रयास समाज के एक भी आदमी को जागरूक करे तो मेरी मेहनत सफल हो जाएगी।

इसलिए मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बिल्ली दिवस

बिल्ली के संरक्षण और मदद प्रदान करने के लिए आठ अगस्त को हर साल अंतरराष्ट्रीय बिल्ली दिवस मनाया जाता है। संयुक्त पशु निदेशक डा.मनोज कुमार ने बताया कि सबसे पहले 2002 में पशु कल्याण के लिए स्थापित अंतरराष्ट्रीय निधि द्वारा बिल्ली की संरक्षण की बात कही गई थी। बिल्लियों के कल्याण के लिए स्थापित अंतरराष्ट्रीय निधि ने हर साल आठ अगस्त को अंतरराष्ट्रीय बिल्ली दिवस मानने की घोषणा की। इसके बाद से हर साल इसे मनाया जाता है। अमेरिका में 29 अक्टूबर को बिल्ली दिवस मनाया जाता है। जापान में 22 फरवरी को बिल्ली दिवस मनाया जाता है।

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