मुख्यमंत्री योगी ने समीक्षा बैठक में दिया निर्देश, नवंबर तक हर हाल में पूरी करें सिंचाई परियोजनाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वर्षों से लंबित सरयू नहर परियोजना व अर्जुन सहायक परियोजना के शीघ्र पूरा होने से गोंडा बहराइच श्रावस्ती सिद्धार्थनगर बलरामपुर महोबा हमीरपुर आदि जिलों को लाभ मिलेगा।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 08:04 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 02:39 PM (IST)
मुख्यमंत्री योगी ने समीक्षा बैठक में दिया निर्देश, नवंबर तक हर हाल में पूरी करें सिंचाई परियोजनाएं
मुख्यमंत्री ने पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा की।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने सरयू नहर परियोजना, अर्जुन सहायक परियोजना, भावनी बांध परियोजना (ललितपुर), रतौली बांध परियोजना (महोबा) और मसगांव व चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना (हमीरपुर), कुलपहाड़ स्प्रिंकलर परियोजना (महोबा) सहित झांसी के बबीना ब्लाक के 15 ग्रामों में सिंचाई सुविधा संबंधी परियोजना की समीक्षा की। उन्होंने जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर हाल में नवंबर तक शेष कार्य पूरा कर लिया जाए। ताकि जनता को इन परियोजनाओं का शीघ्र लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षों से लंबित सरयू नहर परियोजना व अर्जुन सहायक परियोजना के शीघ्र पूरा होने से गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा आदि जिलों के लोगों को लाभ मिलेगा। इन सभी परियोजनाओं को गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण किया जाए। परियोजना से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए पंचनद ङ्क्षसचाई परियोजना के प्रस्ताव पर शीघ्रता से कार्य किया जाए। अगले साल बाढ़ से बचाव के लिए अभी से तैयारियां पूरी कर ली जाएं। इस वर्ष बाढ़ से होने वाली क्षति को काफी कम करने में सफलता मिली है। आगे भी बेहतर कार्य योजना तैयार की जाए। अधिकारियों ने सीएम को बताया कि सरयू नहर परियोजना से संबंधित सरयू बैराज एवं राप्ती बैराज पूर्ण हो चुके हैं।

512.74 करोड़ रुपये की लागत की भावनी बांध परियोजना (ललितपुर) से 3800 हेक्टेयर भूमि की ङ्क्षसचाई होगी। रतौली बांध परियोजना (महोबा) की लागत 54.28 करोड़ रुपये है और इससे 1050 हेक्टेयर भूमि की ङ्क्षसचाई होगी। इसी तरह मसगांव व चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना (हमीरपुर) की लागत 18.27 करोड़ रुपये है और इससे 600 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। कुलपहाड़ स्प्रिंकलर परियोजना (महोबा) की लागत 76.48 करोड़ रुपये है और इससे 2700 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। वहीं झांसी के बबीना ब्लाक के 15 ग्रामों में ङ्क्षसचाई सुविधा संबंधी परियोजना लागत 246.84 करोड़ रुपये है और इससे 4400 भूमि की सिंचाई हो सकेगी। बैठक में जल शक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह व जल शक्ति राज्यमंत्री बलदेव औलख भी मौजूद रहे।

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