संवेदनहीनता : पुलिस केस बता इलाज से किया इनकार, हादसे में घायल बालक की तड़प-तड़पकर मौत
प्रतापगढ़ के मानिकपुर में सुबह वैन की टक्कर से घायल हो गया था दस वर्षीय बालक। सरकारी और निजी अस्पतालों में नहीं मिला इलाज। डॉक्टरों ने पुलिस केस बताकर इलाज करने से मना कर दिया।सलोन सीएचसी पहुंचने से पहले थम गईं सांसें।
रायबरेली, जेएनएन। गंगा स्नान करके लाैट रहे बालक को सोमवार की सुबह वैन ने टक्कर मार दी। एक राहगीर उसे लेकर प्रतापगढ़ जिले के कई अस्पतालों में गया, लेकिन डॉक्टरों ने पुलिस केस बताकर इलाज करने से इनकार कर दिया। सीएचसी सलोन पहुंचने से पहले बालक की तड़प-तड़पकर मौत हो गई।
प्रतापगढ़ जिले के नवाबगंज के कड़रो जगई का पुरवा निवासी बलदेव का बेटा मोहित दोस्त सुमित के साथ साइकिल से सुबह गंगा स्नान करने निकला था। वापस लौटते वक्त करीब साढ़े आठ बजे उसी जिले की सीमा में मानिकपुर के पास उसकी साइकिल में स्वास्थ्य विभाग की वैन ने टक्कर मार दी। हादसे में मोहित गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे खून से लथपथ देख सुमित घबरा गया और मदद मांगने गांव की ओर भागा। बालक सड़क किनारे तड़पता रहा, लेकिन काफी देर तक कोई आगे नहीं आया।
करीब साढ़े नौ बजे मानिकपुर के सौरभ मिश्र की नजर घायल बालक पर पड़ी। उन्होंने पिकअप रोककर बालक को उसमें लिटाया और इलाज के लिए चल पड़े। रास्ते में प्रतापगढ़ जिले की सीमा में आलापुर के सरकारी अस्पताल सहित तीन-चार निजी अस्पतालों में वे घायल बच्चे को लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने पुलिस केस बताकर इलाज करने से मना कर दिया। लगभग 12.30 बजे वे उसको लेकर यहां सलोन सीएचसी पहुंचे, मगर तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं। हादसे की खबर पर पीड़ित मां भी अस्पताल आ गई और बेटे का शव देख रो पड़ी।
कोतवाल पंकज त्रिपाठी ने बताया कि बालक के मौत की सूचना पर शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। घटना के संबंध में प्रतापगढ़ जिले के मानिकपुर में मामला पंजीकृत किया जाएगा। यदि उस जिले में घायल बालक का इलाज नहीं हुआ तो इसकी शिकायत वहां के अधिकारियों से की जा सकती है।