ग्लोबल हैंड वाश डे: हाथ की गंदगी से फैलती हैं 80 फीसद संक्रामक बीमारियां, जानिए कैसे रखें ध्यान

कोरोना ने भले हाथ साफ करने की आदत का जीवन का हिस्सा बना दिया हो लेकिन सफाई बीमारियों को दूर करने में पहले ही कारगर तरीका माना गया है। हाथ धोएंगे तो न बीमारियों से दूर रहेंगे बल्कि लोगों से हाथ न मिलाकर दूसरों को भी बीमारियों से बचा पाएंगे।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 12:19 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 05:42 PM (IST)
ग्लोबल हैंड वाश डे: हाथ की गंदगी से फैलती हैं 80 फीसद संक्रामक बीमारियां, जानिए कैसे रखें ध्यान
हर साल पूरी दुनिया में 15 अक्टूबर को विश्व हैंडवाशिंग-डे मनाया जाता है।

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। कोरोना संक्रमण ने भले हाथ साफ करने की आदत का जीवन का हिस्सा बना दिया हो, लेकिन सफाई बीमारियों को दूर करने में पहले ही कारगर तरीका माना गया है। हाथ धोएंगे तो न केवल स्वयं को बीमारियों से दूर रहेंगे बल्कि लोगों से हाथ न मिलाकर हम दूसरों को भी बीमारियों से बचा पाएंगे। लोगों को हाथ धोने के फायदों के प्रति जागरूक करने के मकसद से ग्लोबल हैंड वाशिंग-डे की शुरुआत- 2008 में स्वीडन में की गई थी की गई थी। तब से हर साल पूरी दुनिया में 15 अक्टूबर को विश्व हैंडवाशिंग-डे मनाया जाता है। 

अलीगंज केंंद्रीय विद्यालय के विज्ञान संचारक डा. सुशील द्विवेदी ने बताया कि वर्तमान में कोरोना और अन्य संक्रामक बीमारियों के चलते इस बार इस दिवस का महत्व भी काफी बढ़ गया है। हर वर्ष एक थीम दी जाती है। इस वर्ष की थीम है, हमारा भविष्य हाथ में है- आइए एक साथ आगे बढ़ें। डा. सुशील द्विवेदी ने बताया कि हाथ धोना हर तरह की कसरत से ज्यादा अहम् है। बचपन में यह बात स्कूल में सिखाई जाती है कि समय समय पर हाथ धोने चाहिए। घर में इसे अमल में लाने के लिए कहा जाता है, बच्चों की किताबों में इसे तस्वीरों और कार्टूनों के माध्यम से हाथ धोने की अहमियत समझाई जाती है, लेकिन जवान होते होते बहुत से लोग हाथ धोना भूलने लगते हैं। 

क्यों हाथ धोना इतना जरूरी हैः डा. सुशील द्विवेदी ने बतायाकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार आंख और नाक के कई संक्रमण सिर्फ हाथों मैं फंसी गंदगी की वजह से होते हैं,पेट की कई बीमारियां गंदे हाथ के मुंह में जाने से होती हैं। कोरोना काल में इससे बचने के लिए जगह-जगह बोर्ड लगाकर और सिनेमा जगत से जुड़े लोगों, खिलाडियों, डाक्टरों एवं राजनीति से जुड़े लोगों द्वारा लगातार अपील की भी जा रही है कि लोग समय समय पर अपने हाथ मुंह और आंखे साबुन से धोते रहें जिससे वायरस का फैलाव रोका जा सके। हाथ धुलने से करीब 80 प्रतिशत बीमारियों से बचा जा सकता है। 

हाथों को कैसे और कब कब धोएंः डा.आनंद किशोर यादव ने बताया कि हाथ साफ करने के लिए साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकेंड तक हाथ धोने चाहिए और हाथ धोने के बाद हो सके तो हवा में सुखाना चाहिए या फिर हाथ को कपड़े से पोछना चाहिए। इससे हाथों के जरिए फैलने वाली बीमारियों का खतरा लगभग न के बराबर हो जाता है। कई बार आपको घर से बाहर साबुन नहीं मिलता, तो ऐसे में एल्‍कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइजर जिसमें 60 प्रतिशत एल्कोहल हो हाथों की हाइजीन के लिए बेहतर विकल्प है। ऐसे सैनिटाइजर को अपने साथ में रखना चाहिए। हथेली पर सैनिटाइजर लगाकर हथेलियों को गीला करें। अब हाथों को रगड़ें। हाथ ड्राई हो जाने के बाद रगड़ना बंद कर दें। 

हाथों को कब धोना है जरूरी भोजन पकाते समय हाथ धो लें। खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद हाथों को करें साफ। बीमार व्यक्ति की देखभाल करने के बाद हाथों को मेडिकेटेड सोप से धोएं। घाव साफ करने के बाद ना भूलें हाथों को धाना। आंखों में कांटैक्ट लेंस लगाने से पहले कर लें हाथ साफ। मांस-मछली धोने के बाद हाथों को मेडिकेटेड साबुन से करें साफ। घर का कूड़ा-कचरा, टॉयलेट की सफाई, जानवरों को छूने के, पशु का चारा छूने के बाद साबुन से करें हाथों को साफ। टायलेट से आने के बाद, बच्चे का डायपर बदलने के बाद धो लें हाथ। नाक साफ करने, खांसने-छींकने के बाद। बाहर से घर लौटने के बाद।

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