Indian Statistical Service Exam: लखनऊ विश्वविद्यालय के चार पूर्व छात्रों ने आइएसएस परीक्षा में मारी बाजी, बहराइच की आंचल को देश में आठवां स्थान
Indian Statistical Service Exam लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ कर निकले चार पूर्व छात्र-छात्राओं का चयन लोक सेवा आयोग की भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा (आइएसएस) में हुआ है। शुक्रवार देर शाम इसके नतीज जारी किए गए। इनमें आल ओवर इंडिया में आंचल जैन ने 8वीं रैंक हासिल की है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ कर निकले चार पूर्व छात्र-छात्राओं का चयन लोक सेवा आयोग की भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा (आइएसएस) में हुआ है। शुक्रवार देर शाम इसके नतीज जारी किए गए। इनमें आल ओवर इंडिया आंचल जैन ने 8वीं रैंक, भावना मिश्रा 13वीं, दिव्यांशू मिश्रा 14वीं और नितेश कुमार मिश्रा ने 17वीं रैंक हासिल कर विश्वविद्यालय का मान बढ़ाया है। किसी को दूसरे तो किसी को तीसरे प्रयास में यह सफलता मिली है। डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. पूनम टंडन ने सफल छात्रों को ट्वीटर पर बधाई दी।
एमएससी द्वितीय वर्ष से ही भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए कोचिंग भी की। पहले ही प्रयास में सफलता मिली है। मैंने नेशनल पीजी कालेज से 2018 में बीएससी करने के बाद लविवि से 2020 में एमएससी बायो स्टैटिस्टिक 83 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण किया था। पापा अविनाश जैन की दुकान और प्रिंटिंग प्रेस का काम है। मां मिनाक्षी जैन गृहणी हैं। मूल रूप से हम लोग बहराइच के रहने वाले हैं।
-आंचल जैन, 8वीं रैंक
मुझे तीसरे प्रयास में यह सफलता मिली। बीएससी नवयुग कन्या महाविद्यालय से 2015 में और लविवि से 2017 में एमएससी करने के बाद तैयारी शुरू कर दी थी। पहले प्रयास में लिखित परीक्षा तो पास कर ली, लेकिन फाइनल चयन नहीं हो पाया था। दूसरे प्रयास में लिखित में भी नहीं हुआ। कुछ निराश हुई, फिर शिक्षकों ने समझाया कि हार नहीं माननी है। पापा दुर्गेश कुमार मिश्रा और मां का पूरा सहयोगरहा। जिस दिन इंटरव्यू था, उसी दिन पापा का कैंसर का आपरेशन भी था। हालांकि, घर वालों ने मुझे नहीं बताया था ताकि परेशान न हों।
-भावना मिश्रा, 13वीं रैंक
लविवि से 2013 से 2018 तक बीएससी और एमएससी सांख्यिकी की पढ़ाई की। एक साल लाल बहादुर शास्त्री हास्टल में रहने के बाद फिर अपनी बुआ के घर रहकर पढ़ाई पूरी की। उसके बाद तैयारी कर भारतीय सांख्यिकी सेवा की लिखित परीक्षा में पास हो गया, लेकिन ओवरआल मेरिट में चयन नहीं हुआ। दोबारा परीक्षा दी और अब फाइनल चयन हुआ है। पापा गौरव कुमार मिश्र किसान हैं। माता प्रभा मिश्रा गृहणी हैं।
-दिव्यांशू मिश्रा, 14वीं रैंक
वर्ष 2018 में लखनऊ विश्वविद्यालय से बीएससी सांख्यिकी 75 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण किया था। इस दौरान लाल बहादुर शास्त्री हास्टल और हबीबुल्ला हास्टल में रहकर पढ़ाई की। फिर तैयारी शुरू कर दी। लिखित परीक्षा पास होने के बाद 2019 में भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा के लिए इंटरव्यू दिया। लेकिन चयन नहीं हुआ। हिम्मत नहीं हारी और फिर तैयारी की। अब सफलता मिली है। पापा राकेश कुमार मिश्र और मां सीमा मिश्र का इसमें अहम योगदान है। -नितेश कुमार मिश्रा, 17वीं रैंक