वायरल फीवर और यूरिक एसिड से बढ़ रहा अर्थराइटिस

लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में पेन मैनेजमेंट पर विशेषज्ञों ने दिए विचार। इंडियन सोसाइटी ऑफ पेन-क्लीनिक की ओर से हुआ राष्ट्रीय सम्मेलन।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 10:37 AM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 10:37 AM (IST)
वायरल फीवर और यूरिक एसिड से बढ़ रहा अर्थराइटिस
वायरल फीवर और यूरिक एसिड से बढ़ रहा अर्थराइटिस

लखनऊ, जेएनएन। वायरल फीवर और यूरिक एसिड बढऩे से लोगों में अर्थराइटिस (गठिया) बढ़ रहा है। हालांकि प्लाज्मा लगाकर इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए समय पर विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। शुक्रवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के एनेस्थीसिया क्रिटिकल केयर एवं पेन मेडिसिन विभाग की ओर से आयोजित इंडियन सोसाइटी ऑफ पेन-क्लीनिक के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन (आईएसपीसी कॉन -2018) में विशेषज्ञों ने पेन मैनेजमेंट पर विचार व्यक्त किए। 

सम्मेलन में पहले दिन डीवाई पाटिल मेडिकल कॉलेज मुंबई के पेन स्पेशलिस्ट डॉ. सिद्धार्थ वर्मा ने कहा कि गठिया को अनदेखा न करें। गठिया की परेशानी होते ही विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लें। अर्थराइटिस अनियमित दिनचर्या और खानपान के कारण किसी को भी हो सकता है। तीसरे और चौथे चरण में पहुंच चुकी अर्थराइटिस से मरीज की परेशानी अधिक बढ़ जाती है। इसके इलाज के लिए कूल्ड रेडियो फ्रिक्वेंसी मशीन की मदद से नसों को बंद कर मरीज को दर्द से छुटकारा दिलाया जा सकता है। इसके अलावा पैराथॉरमोन यानी हॉर्मोनल थेरेपी से नसों को नुकसान से बचाया जा सकता है। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई के एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. आरपी गदू ने बताया कि कैंसर और न्यूरो सर्जरी के मरीजों को ऑपरेशन के बाद भी दर्द से राहत न मिलने पर स्पाइल कॉर्ड स्टीमुलेटर इंजेक्शन देते हैं। हालांकि यह महंगा है।

कोलकाता स्थित रूबी जनरल हॉस्पिटल के पेन स्पेशलिस्ट डॉ. दिव्यदीप मुखर्जी ने बताया कि ब्लड कैंसर और ट्यूमर के असहनीय दर्द से जूझ रहे बच्चों को मारफीन का इंजेक्शन दिया जा सकता है। डॉ. दिव्य ने बताया कि मारफीन का इंजेक्शन सस्ता है और मरीज को नशे की लत भी नहीं पड़ती। इसके इतर नर्व ब्लोक्स की मदद से भी कैंसर पीडि़तों को दर्द से छुटकारा दिला सकते हैं। संस्थान के निदेशक डॉ. दीपक मालवीय व डॉ. एसके जायसवाल ने भी विचार व्यक्त किए।

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