उप्र हिंदी संस्थान के 21 पुरस्कारों की धनराशि बढ़ी, पूर्व पीएम अटल के नाम से पांच लाख का सम्मान

हि‍ंदी विदेश प्रसार सम्मान (संख्या दो) के तहत दी जाने वाली धनराशि को प्रत्येक सम्मान दो लाख रुपये से अब ढाई लाख रुपये कर दिया गया है। बाल साहित्य सम्मान के तहत दी जाने वाली धनराशि को दो लाख रुपये से ढाई लाख रुपये कर दिया गया है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 07:05 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 12:26 PM (IST)
उप्र हिंदी संस्थान के 21 पुरस्कारों की धनराशि बढ़ी, पूर्व पीएम अटल के नाम से पांच लाख का सम्मान
भारत भारती सम्मान पांच लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया गया है।

लखनऊ, [दुर्गा शर्मा]। उप्र हि‍ंदी संस्थान के 21 पुरस्कारों की धनराशि में वृद्धि की गई है। साहित्य सेवा के लिए दिया जाने वाला प्रतिष्ठित भारत भारती सम्मान पांच लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया गया है। वहीं, 22 वें सम्मान के रूप में पांच लाख रुपये का अटल बिहारी वाजपेयी साहित्य सम्मान शुरू किया गया है।

अन्य पुरस्कारों में चार लाख रुपये के हि‍ंदी गौरव सम्मान, लोहिया साहित्य सम्मान, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान, पंडित दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान, अवंतीबाई साहित्य सम्मान और राजर्षि पुरूषोत्तम टंडन सम्मान की धनराशि में वृद्धि कर पांच लाख रुपये का कर दिया गया है। साहित्य भूषण (संख्या 20) पर 40 लाख रुपये की जगह अब 50 लाख रुपये व्यय होगा। प्रत्येक साहित्य भूषण सम्मान दो लाख रुपये की जगह अब ढाई लाख रुपये का होगा। दो लाख रुपये का लोक भूषण, कला भूषण, विद्या भूषण, विज्ञान भूषण, पत्रकारिता भूषण और प्रवासी भारतीय हि‍ंदी भूषण सम्मान अब ढाई लाख रुपये का कर दिया गया है।

हि‍ंदी विदेश प्रसार सम्मान (संख्या दो) के तहत दी जाने वाली धनराशि को प्रत्येक सम्मान दो लाख रुपये से अब ढाई लाख रुपये कर दिया गया है। बाल साहित्य सम्मान के तहत दी जाने वाली धनराशि को दो लाख रुपये से ढाई लाख रुपये कर दिया गया है। दो लाख रुपये कामधुलिमये साहित्य सम्मान, श्रीनारायण चतुर्वेदी साहित्य सम्मान, विधि भूषण सम्मान अब ढाई लाख रुपये का हो गया है। सौहार्द सम्मान (संख्या 15) के तहत अब 30 लाख रुपये की जगह 37.50 रुपये खर्च होंगे। प्रत्येक सम्मान राशि को दो लाख रुपये की जगह ढाई लाख रुपये कर दिया गया है। विश्वविद्यालयस्तरीय सम्मान (संख्या दो) के तहत प्रत्येक सम्मान की राशि एक लाख रुपये होगी।

संस्थान के अध्यक्ष का पद संभालने के बाद से ही मुख्यमंत्री ने इस ओर विशेष ध्यान दिया है। पूर्व में उनकी ओर से गैर वेतन मदों का बजट बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया। साथ ही साहित्य भूषण की संख्या भी 10 की जगह 20 कर दी गई। साहित्य की दुनिया के लिए सम्मान राशि में वृद्धि स्वागतयोग्य कदम है।  - प्रो. सदानंद प्रसाद गुप्त, कार्यकारी अध्यक्ष, उप्र हि‍ंदी संस्थान

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