यूपी में गोमाता से अधिक भैंस पालने की ओर बढ़ा पशु पालकों का रुझान, जानिए क्या है वजह

गोमाता के मुकाबले भैंस पालने वालों की संख्सा में इजाफा हुआ है देसी गाय के मुकाबले विदेशी नस्ल की गाय को पालने के प्रति रुझान बढ़ा है। 2019 की पशु गणना के जारी आंकड़ों के मुताबिक देसी गाेवंश में 31.71 लाख की कमी आई है।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 02:18 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 09:06 PM (IST)
यूपी में गोमाता से अधिक भैंस पालने की ओर बढ़ा पशु पालकों का रुझान, जानिए क्या है वजह
2019 की पशु गणना के जारी आंकड़ों के मुताबिक देसी गाेवंश में 31.71 लाख की कमी आई है

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। गोमाता के मुकाबले भैंस पालने वालों की संख्सा में इजाफा हुआ है देसी गाय के मुकाबले विदेशी नस्ल की गाय को पालने के प्रति रुझान बढ़ा है। आलम यह है कि 2012 के बाद 2019 की पशु गणना के जारी आंकड़ों के मुताबिक देसी गाेवंश में 31.71 लाख की कमी आई है वहीं विदेश नस्ल की गाय के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। वर्ष 2012 में सूबे में विदेशी नस्ल के गोवंश की संख्या 35.79 लाख थी जो 2019 में बढ़कर 61.23 लाख पहुंच गई है। सूबे में दोनों को मिलाकर गोवंश की संख्या 1.90 करोड़ है। 

पशुपालन विभाग निदेशक रोग (नियंत्रण) डा.इंद्रमणि ने बताया कि नई पशु गणना के अनुसार ही टीकाकरण अभियान नौ नवंबर से चलेगा। गला घोटू बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण अंतिम चरण में है। नौ नवंबर से खुरपका और मुंहपका से बचाव के लिए दूसरे चरण का टीकाकरण पूरे प्रदेश में शुरू होगा। जिलों के मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को टीकाकरण के लिए निर्देश दिए गए हैं। सरकार की मंशा के अनुरूप देसी गोवंश को बचाने के लिए विशेष टीकाकरण चलेगा।

गोशालाओं में संरक्षित बेसहारा गोवंशोें को वहां जाकर टीका लगाया जाएगा। पशुपालन विभाग के उप निदेशक नियोजन डा.वीके सिंह ने बताया कि कोरोना काल के चलते पशु गणना के आंकड़े जारी नहीं किए गए थे। मंगलवार को आंकड़े जारी होने के साथ ही अब नई गणना के अनुरूप नए टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वहीं सूबे में बेसहारा गोवंश की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। 2012 में यह संख्या 10 लाख थी जो 2010 में बढ़कर 11.84 लाख हो गई है। वहीं गधे व खच्चर की संख्या में कमी आई है। 

                                 वर्ष 2012          2019 (पशु गणना के अनुसार) 

प्रदेश में मवेशी             6.92 करोड़       6.92 करोड़ विदेशी गाय           35.79 लाख       61.23 लाख देसी गाय              1.59 करोड़       1.28 करोड़ भैंस                     3.06 करोड़        3.30 करोड़ बकरी                  1.55 करोड़        1.44 करोड़ भेंड़                     13.54 लाख        9.85 लाख शूकर                   13.34 लाख        4.09 लाख घोड़ा                    1.54 लाख          1.2 लाख खच्चर                  93 हजार             53 हजार गधे                      57 लाख              33 लाख कुक्कट                1.86 करोड़         1.25 करोड़

सात साल में प्रमुख मवेशियों के बढ़ने-घटने का प्रतिशत  विदेशी गाय की संख्या         71.08 फीसद बढ़ी देसी गाय की संख्या            19.28 फीसद घटी भैंस की संख्या संख्या          7.81 फीसद बढ़ी शूकर की संख्या                 69.34 फीसद घटी कुक्कट की संख्या               32.91 फीसद घटी

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