यूपी में पालीटेक्निक संस्थानों को अभ्यर्थियों का इंतजार, 10 चरणों की काउंसिलिंग के बाद भी सीटें खाली
आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णो को 10 फीसद आरक्षण देने की प्राविधिक शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया और इसके एवज में संस्थावार 10 फीसद सीटें बढ़ा दीं। सरकारी सहायता प्राप्त और निजी में आरक्षण देने के लिए भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने सीटें बढ़ाने की हरी झंडी भी दे दी।
लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णो को 10 फीसद आरक्षण देने की प्राविधिक शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया और इसके एवज में संस्थावार 10 फीसद सीटें बढ़ा दीं। सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी में आरक्षण देने के लिए भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने भी सीटें बढ़ाने की हरी झंडी भी दे दी। उन्हें क्या पता था कि पहले से मौजूद सीटों को भरने की चुनौती होगी। 10 चरण पूरे होने के बावजूद अभी भी आरक्षण की सीटें खाली हैं। कोरोना संक्रमण का असर ऐसा रहा कि 10 चरणों के बाद एक लाख से अधिक सीटों पर प्रवेश का इंतजार है। सरकारी संस्थानों में भी दो हजार से अधिक सीटों पर अभी प्रवेश होने हैं। 30 नवंबर तक प्रवेश प्रक्रिया समाप्त हो रही है। ऐसे में सीटों का भर पाना परिषद के सामने बड़ी चुनौती है।
पहली बार बिना परीक्षा के दिया गया मौकाः संयुक्त प्रवेश परीक्षा की मेरिट के आधार पर ही प्रवेश केे प्रावधानों के बावजूद पहली बार काउंसिलिंग से वंचित अभ्यर्थियों को मौका दिया गया। इसके बावजूद सीटें नहीं भर सकीं हैं। परिषद के साथ ही संस्थानों के प्रधानाचार्य भी हैरान हैं।
10वें चरण के बाद रिक्त सीटों पर एक नजर
154सरकारी-8019- सवर्णो के लिए आरक्षित रिक्त सीटें-2547 19 अनुदानित-2958-सवर्णो के लिए आरक्षित रिक्त सीटें-717 1177 निजी-123682- सवर्णो के लिए आरक्षित रिक्त सीटें-15836कोरोना संक्रमण के चलते कुछ नए निर्णय लिए गए इसके बावजूद सीटें खाली हैं। पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया का भी असर रहा है। संस्थान मनमाना प्रवेश नहीं ले सकें हैं। अभी अंतिम चरण 25 नवंबर तक है। आशा है कि काफी सीटें भर जाएंगी। 30 नवंबर तक प्रवेश प्रक्रिया समाप्त कर दी जाएगी। मैनेजमेंट कोटे को खत्म कर दिया गया इसकी वजह से भी निजी संस्थानों में सीटें खाली हैं। -राम रतन, प्रभारी सचिव, संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद