60 वर्ग फीट दुकान के बदले दे दिया 4304 वर्ग फीट का भूखंड, LDA ने एक आवंटी का तीन बार किया समायोजन

LDA में अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए पूर्व उपाध्यक्ष ने खूब खेल किए। नियमों को दरकिनार करते हुए विकास दीप स्थित 60 वर्ग मीटर की दुकान के बदले 4304 वर्ग फीट का भूखंड आवंटित कर दिया गया। जबकि नियमों के अनुसार समायोजन सिर्फ आवासीय भूखंड में होता है।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 03:29 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 03:29 PM (IST)
60 वर्ग फीट दुकान के बदले दे दिया 4304 वर्ग फीट का भूखंड, LDA ने एक आवंटी का तीन बार किया समायोजन
LDA के मुताबिक, गुण दोष के आधार पर पूरी फाइल का परीक्षण कराया जाएगा

लखनऊ, [अंशू दीक्षित]। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) में अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए पूर्व उपाध्यक्ष ने खूब खेल किए। नियमों को दरकिनार करते हुए विकास दीप स्थित 60 वर्ग मीटर की दुकान के बदले 4304 वर्ग फीट का भूखंड आवंटित कर दिया गया। जबकि नियमों के अनुसार समायोजन सिर्फ आवासीय भूखंड में होता है। उसमें भी दिलचस्प यह कि अफसरों ने एक दुकान के बदले गोमती नगर के विभूति खंड में तीन बार समायोजन किया। अब फाइल जब अफसरों के सामने खुली तो सभी हैरत में पड़ गए। वह अब जांच की बात कर रहे हैं। 

वर्ष 1982 में धर्मवीर तनेजा ने हुसैनगंज स्थित विकास दीप कांप्लेक्स में 60 वर्ग फीट की दुकान खरीदी। वर्ष 1986 में पूरा पैसा जमा कर दिया लेकिन रजिस्ट्री नहीं कराई। वर्ष 1989 में धर्मवीर तनेजा ने दुकान के बदले ए टाइप के भूखंड को लेकर लविप्रा से पत्राचार किया। उस वक्त तो नियमों का हवाला देकर मना कर दिया गया, लेकिन प्रयास अंदर ही अंदर जारी रहे इसके बाद उन्हें गोमती नगर के विभूति खंड में 288 वर्ग मीटर का 3/81 भूखंड आवंटित कर दिया गया। इस बीच रेलवे में विवादों के कारण उनको विभूतिखंड में ही फिर 3/108 भूखंड आवंटित कर दिया गया। इसका क्षेत्रफल 3098 वर्ग फीट है। कुछ साल तक यह भूखंड धर्मवीर के नाम पर रहता है। फिर वर्ष 2010 में इन्हें विभूतिखंड में ही 4304 वर्ग फीट का भूखंड संख्या टीसी 18 आवंटित कर दिया गया।

क्या कहता है नियमः नियमानुसार जून 2021 तक लविप्रा उपाध्यक्ष को अधिकार था कि आवासीय योजना में छोटे से बड़े भूखंड का समायोजन कर सकते थे। वाणिज्यिक भूखंड में यह नियम लागू नहीं होता, इसके बाद भी यह खेल हुआ। इससे लविप्रा को उस वक्त करोड़ों के राजस्व की क्षति हुई। 

अगर ऐसा किया गया है तो गलत है। गुण दोष के आधार पर पूरी फाइल का परीक्षण कराया जाएगा, फिर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। -पवन कुमार गंगवार, सचिव लविप्रा।

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