यूपी में अवैध खनन की जांच करेगा सचल दल, प्रमुख मार्गों पर चेकिंग के लिए 33 जिलों में टीमें गठित
खनिज वाहनों की जांच के लिए जिलों को आरएफआइडी व हैंडहेल्ड रीडर मशीन के साथ सचल दल के प्रयोग के लिए लैपटॉप इंटरनेट कैमरा प्रिंटर पावर बैकअप और सॉफ्टवेयर आदि की व्यवस्था जिले की खनिज न्यास निधि से कराई गई है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध खनन एवं परिवहन पर नियंत्रण के लिए 33 जिलों के प्रमुख मार्गों पर सचल जांच दल का गठन किया है। सचल दल मौके पर ही कार्रवाई भी करेगा। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की सचिव एवं निदेशक डॉ. रोशन जैकब ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि हमीरपुर में सात तथा प्रयागराज, झांसी, बांदा, फतेहपुर, मीरजापुर व महोबा में तीन-तीन सचल दलों का गठन किया गया है। सहारनपुर, बागपत, बिजनौर, रामपुर, आगरा, सोनभद्र, जालौन व चित्रकूट में दो-दो सचल दल बनाए गए हैं, जबकि बरेली, मथुरा, फीरोजाबाद, हाथरस, गाजीपुर, बलिया, आजमगढ़, कुशीनगर, प्रतापगढ़, कौशांबी, बाराबंकी, बस्ती, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव व ललितपुर में एक-एक सचल जांच दल का गठन किया गया है।
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की सचिव एवं निदेशक डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि खनिज वाहनों की जांच के लिए जिलों को आरएफआइडी व हैंडहेल्ड रीडर मशीन के साथ सचल दल के प्रयोग के लिए लैपटॉप, इंटरनेट, कैमरा, प्रिंटर, पावर बैकअप और सॉफ्टवेयर आदि की व्यवस्था जिले की खनिज न्यास निधि से कराई गई है।
निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग उत्तर प्रदेश डॉ. रोशन जैकब ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि खनिजों के अवैध परिवहन व करापवंचन पर प्रभावी नियंत्रण के लिए गठित सचल जांच दलों को और अधिक सक्रिय किया जाए। उन्होंने जनपदीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चिन्हित रूटों में सचल जांच दल तीन पालियों में 24 घंटे नियमित रूप से काम करें। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि खनन स्थल से ही गाड़ियां ओवरलोड न होने पाएं, इसकी सघन जांच की जाए।