IIT के छात्र आशीष को ढाई माह पहले ही पता चला बीमारी का, सीएम योगी ने की है आर्थिक मदद
साथियों समेत सभी कर रहे आशीष के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना। आशीष का लखनऊ में चल रहा है इलाज।
लखीमपुर, जेएनएन। 27 साल की उम्र में जो युवा कभी भी बीमार तक न हुआ हो। जिसकी आदत में तैराकी और जिम शामिल हो , उसकी सेहत भला इतनी खराब कैसे हो सकती है? उसे ब्लड कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी कैसे हो सकती है? मगर एक होनहार युवा की जिंदगी के साथ नियति को यही मंजूर था। कोरोना काल में लगे प्रतिबंध के दौरान गोला कस्बे का रहने वाला आशीष दीक्षित रुड़की से अपने घर आ गया। यहां कुछ दिन गुजरने के बाद उसकी तबियत अचानक खराब होने लगी। कुछ भी खाते ही आशीष को उबकाई और उल्टियां होने लगतीं। प्रतिबंध का वक्त था लिहाजा परिवारीजन समझ नहीं पा रहे थे कि ऐसे में उसे कहां दिखाएं?
आशीष के चचेरे भाई अभिषेक बताते हैं कि शरीर में ये दिक्कत आने के बाद उसे पहले गोला में ही दिखाया गया, लाभ नहीं हुआ तो लखनऊ के एक बड़े नामी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। जहां उसकी शुरुआती जांच में ये पता चला कि उसे कैंसर हो सकता है। परिवारीजन गहरे सदमे में आ गए और आशीष की जांच लखनऊ के एसजीपीजीआइ से कराई गई। 29 जून 2020 ये वही तारीख थी जब आशीष की रिपोर्ट में ब्लड कैंसर निकला। उसे वहीं भर्ती करा दिया गया। इधर होनहार आशीष के सहपाठियों ने जब उसके परिवार की माली हालत जानी तो सोशल मीडिया पर उसकी मदद की गुहार करने लगे।
फरियाद यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी तक पहुंची और उन्होंने नियमों को शिथिल करते हुए उसको आर्थिक मदद दी। साथ ही बेहतर इलाज का निर्देश भी दिया। अब आशीष का पूरा परिवार लखनऊ में है। उसके दादाजी गोला के आवास पर अकेले हैं। उसका इलाज जारी है और सभी आशीष के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। आशीष के परिवार में उसके माता-पिता के अलावा दो बहने हैं जिनमें से एक की शादी हो चुकी है।
बचपन से ही होनहार रहा आशीष
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