IIT Bombay छात्राओं को दे रहा तकनीकी प्रशिक्षण, लखनऊ में 75 साफ्टवेयर कोर्स की निश्शुल्क ट्रेनिंग
लखनऊ में छात्राओं को आइआइटी बाम्बे के फ्री एंड ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर पर 15 दिनों तक प्रशिक्षण और फिर उनका आनलाइन टेस्ट करवाया जाता है। यह टेस्ट आइआइटी बाम्बे के की स्पोकन ट्यूटोरियल वेबसाइट से कराया जाता है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। विभिन्न व्यवसायों में तकनीकी का प्रयोग बढ़ा है। ऐसे में शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए इसे टेक्नोलॉजी से जोडऩा जरूरी है। इसी उद्देश्य से विश्वविद्यालयों और कालेजों में अध्यनरत विद्यार्थियों के लिए शिक्षा मंत्रालय के नेशनल मिशन आफ एजुकेशन के सहयोग से आइआइटी बॉम्बे के 'स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजक्ट' के तहत तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा। शहर में नवयुग कन्या महाविद्यालय की छात्राओं को आइआइटी बाम्बे प्रशिक्षित कर रहा। इस वर्ष यह प्रशिक्षण आनलाइन हो रहा।
पांच वर्षों से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहीं नवयुग कालेज के सांख्यिकी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा अर्चना सिन्हा ने बताया कि कोरोना के कारण इस बार यह प्रशिक्षण कार्यक्रम गूगल मीट पर संचालित किया गया। छात्राओं को आइआइटी बाम्बे के फ्री एंड ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर पर 15 दिनों तक प्रशिक्षण और फिर उनका आनलाइन टेस्ट करवाया जाता है। यह टेस्ट आइआइटी बाम्बे के की स्पोकन ट्यूटोरियल वेबसाइट से कराया जाता है। जिन छात्राओं के अंक 40 प्रतिशत या उससे अधिक होते हैं, उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाता है। सर्टिफिकेट छात्रा को ईमेल पर ही आता है।
प्रोजेक्ट की यूपी की ट्रेनिंग मैनेजर अनीता जाला केजारे ने बताया कि हर विश्वविद्यालय और कालेज में अध्ययनरत विद्यार्थी आइआइटी बाम्बे के स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध 75 साफ्टवेयर कोर्सेस सीख सकता है। यह कोर्सेस विभिन्न विषयों के मॉड्यूल्स पर आधारित है। इन कोर्सेस को निश्शुल्क सीखा जा सकता है, जबकि यही कोर्स निजी संस्थानों से सीखने पर शुल्क देना पड़ता है। प्रोजेक्ट की नेशनल को-आर्डिनेटर श्यामा अय्यर ने बताया कि यह एक ऐसा मंच है, जहां शिक्षार्थी कंप्यूटर आधारित आवश्यक ज्ञान और कौशल प्राप्त कर सकते हैं। यदि वे पहले से ही काम कर रहे हैं तो उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि हो सकती है। इन पाठ्यक्रमों को ऐसे तैयार किया जाता है कि बिना किसी डोमेन विशेषज्ञ के स्व-शिक्षण मोड में घर पर रहकर भी इसे सीखा जा सकता है।