अगर बच्चे के सिर में लगे चोट या हो जाए बेहोश तो तत्काल ना पिलाएं पानी, पढ़ें विशेषज्ञों की सलाह

बच्चों में ट्रामा के मामले बड़ों में ट्रामा के केस से बिल्कुल अलग होते हैं। विश्व ट्रामा दिवस के मौके पर केजीएमयू के डॉक्टर अजय सिंह ने ये बातें कहीं। यदि दुर्घटना में बच्चे के सिर में चोट लग जाए और वह बच्चा बेहोश हो जाए तो पानी न पिलाएं।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 10:34 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 02:48 PM (IST)
अगर बच्चे के सिर में लगे चोट या हो जाए बेहोश तो तत्काल ना पिलाएं पानी, पढ़ें विशेषज्ञों की सलाह
ऐसा करने से बच्चों में ट्रामा की वजह से होने वाली 25 फीसद मौतों को रोका जा सकता है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। बच्चों में ट्रामा के मामले बड़ों में ट्रामा के केस से बिल्कुल अलग होते हैं। विश्व ट्रामा दिवस के मौके पर केजीएमयू में पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक विभाग के डॉक्टर अजय सिंह ने यह बातें कहीं। उन्होंने बच्चों के ट्रामा को लेकर अभिभावकों को जागरूक करते कहा कि यदि किसी दुर्घटना में बच्चे के सिर में चोट लग जाए या शरीर के किसी दूसरे हिस्से में गंभीर चोट हो और वह बच्चा बेहोश हो गया हो तो तत्काल उसे पानी ना पिलाएं। कोई दूसरी खाने पीने की वस्तुएं भी नहीं दें। जितना जल्दी हो सके उसे ट्रामा सेंटर या किसी बड़े अस्पताल ले जाएं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर बच्चे 72 घंटे देरी से ट्रामा सेंटर पहुंचाए जाते हैं इससे पहले वह ऐसी जगहों पर इलाज करा रहे होते हैं, जहां पर ट्रामा की कोई सुविधा नहीं होती।

इसलिए अभिभावकों को जागरूक रहना चाहिए। यदि बच्चा गंभीर रूप से घायल हुआ है अथवा बेहोश है तो उसे 6 से 8 घंटे में बड़े ट्रामा सेंटर जरूर पहुंचा देना चाहिए। ऐसा करने से बच्चों में ट्रामा की वजह से होने वाली 25 फीसद मौतों को रोका जा सकता है। यदि बच्चा जल जाए अथवा झुलस जाए तो जले हुए भाग पर ठंडा पानी डालना चाहिए। यदि फफोले पड़ गए हो तो उसे कतई फोड़ना नहीं चाहिए। वहीं यदि बच्चे के सिर में या शरीर के किसी दूसरे हिस्से में घाव हो गया है तो उस घाव को साफ कपड़े से 5 मिनट तक दबाकर रखें।

इससे बच्चे को बह रहा खून का रिसाव बंद हो जाएगा। यदि बच्चे का हाथ पैर या कोई दूसरा अंग टूट गया है तो उसे लकड़ी किसी कपड़े से बांधकर अस्पताल ले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों में कई बार हल्की चोटें एक्स-रे में नहीं आती, लेकिन क्योंकि बच्चों की हड्डियों को बाद में बढ़ना होता है। इसलिए वह आगे चलकर गंभीर रूप ले सकती हैं। इसलिए बच्चों में चोट लगने पर उसे हल्के में ना लें। किसी कुशल आर्थोपेडिक डॉक्टर को या ट्रामा सेंटर में जरूर दिखाएं।

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