ICSE, ISC Result 2021: बिना परीक्षा का रिजल्ट घोषित, जमकर बरसे अंक
ICSE ISC Result 2021 जानकारों के मुताबिक इस बार बोर्ड द्वारा मार्किंग में सख्त रुख नहीं अपनाया गया। जिसका लाभ उन्हें मिला। निश्चित तौर पर बच्चों में इस रिजल्ट को लेकर खुशी होगी। बता दें कि सीआईएससीई द्वारा संचालित 90 स्कूल हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। ICSE, ISC Result 2021: सीआइएससीई ने शनिवार अपरान्ह तीन बजे रिजल्ट घोषित कर दिया। बिना परीक्षा के घोषित परिणामों में अंकों की जमकर बरसात हुई। सीएमएस, लामार्टिनियर गर्ल्स, सेंट जोसफ, एलपीएस समेत शहर के कई बड़े स्कूलों ने उनके विद्यार्थियों द्वारा 98 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए जाने का दावा किया है। अभी तक सामने आ रहे परिणामों के अनुसार हाईस्कूल में इंग्लिश लिट्रेचर और कंप्यूटर विषय में और इंटर में फिजिक्स और कंप्यूटर साइंस में जमकर अंकों की बौछार हुई है। इसके इतर भी कई ऐसे विषय रहे, जिनमें विद्यार्थियों के 95 प्रतिशत से अधिक अंक रहे।
जानकारों के मुताबिक इस बार बोर्ड द्वारा मार्किंग में सख्त रुख नहीं अपनाया गया। जिसका लाभ उन्हें मिला। निश्चित तौर पर बच्चों में इस रिजल्ट को लेकर खुशी होगी। बता दें कि सीआईएससीई द्वारा संचालित 90 स्कूल हैं। शनिवार ठीक तीन बजेरिजल्ट जारी होते ही इनमें पढऩे वाले हाईस्कूल और इंटर लगभग 22 हजार छात्रों को रिजल्ट को लेकर इंतजार भी खत्म हो गया।
इस साल बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा रद् कर दी थी और साल 2015 से 2021 के बीच हुई वार्षिक, अर्द्धवार्षिक और प्री-बोर्ड में छात्र के प्रदर्शन के आधार पर इस साल की बोर्ड परीक्षा का परिणाम तैयार किया गया है। कोरोना संक्रमण और बोर्ड द्वारा इस बार परीक्षा न कराकर परिणाम घोषित किए जाने के कारण ही रिजल्ट को लेकर स्कूलों में कोई खासी तैयारी नहीं की गई थी। मगर रिजल्ट जारी होने के बाद स्कूलों ने अपने अपने दावे करने शुरू कर दिए।
ट्रिप्लेट बहनों की सफलता से खुशी चौगुना : सेंट जोसेफ कॉलेज की छात्राएं आयुषी, अंशिका और आकांक्षा ट्रिप्लेट हैं। तीनों बहनों की सफलता से परिवार की खुशी चौगुना हो गई। आयुषी ने 98.4, अंशिका ने 97.4 और आकांक्षा ने 97.4 प्रतिशत अंक हासिल किए। आयुषी सीए, अंशिका साफ्टवेयर इंजीनियर और आकांक्षा आइएएस अधिकारी बनना चाहती हैं। मां निर्मला गृहिणी और पिता राम तिलक यादव टाटा मोटर्स में कार्यरत हैं। तीनों बहनें अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के अलावा बुआ उर्मिला और अध्यापकों को देती हैं। अपनी सफलता से तीनों बहनें खुश हैं, पर साथ में यह भी कहती हैं कि परीक्षा होते तो वह शत प्रतिशत अंक भी हासिल कर सकती थीं।
मेहनत व्यर्थ नहीं जाती : मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती। मैंने भी मेहनत की थी, मगर परीक्षा नहीं हुई। मेरी तैयारी सौ फीसदी अंक लाने की थी। मैंनें जेईई मेन में 99.219 परसेंटाइल हासिल कि हैं, अब जेईई एडवांस की तैयारी कर रहा है। मैं अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता और गुरुजनों को देता हूं। मेरे पिता अरविंद प्रकाश मिश्रा सचिवालय में अनुभाग अधिकारी और मां कुसुम मिश्रा गृहणी हैं। -प्रभाष मिश्रा, 12, 99.75 प्रतिशत एलपीसी