लखनऊ विश्वविद्यालय के PhD छात्रों को मिलेगी हॉस्‍टल की सुविधा, चार साल से बाहर रहने को मजबूर थे स्‍टूडेंट्स

लखनऊ विश्वविद्यालय में 17 हास्टल हैं। इनमें से आठ हास्टल में मरम्मत कार्य चल रहा है। सुभाष हास्टल बीरबल साहनी हास्टल गोल्डन जुबिली और कैलाश हास्टल में राज्य सरकार ने करीब 12 करोड़ रुपये निर्माण के लिए दिए थे।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 08:33 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 08:33 AM (IST)
लखनऊ विश्वविद्यालय के PhD छात्रों को मिलेगी हॉस्‍टल की सुविधा, चार साल से बाहर रहने को मजबूर थे स्‍टूडेंट्स
लखनऊ विश्वविद्यालय में जर्जर होने की वजह से नहीं किया गया था हास्टल आवंटन।

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय से पीएचडी करने वाले शोधार्थियों को इस साल रहने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन कई साल बाद शोध छात्रों को भी हास्टल की सुविधा देगा। इसके लिए बीरबल साहनी हास्टल की मरम्मत का कार्य तेजी से चल रहा है।

लखनऊ विश्वविद्यालय में 17 हास्टल हैं। इनमें से आठ हास्टल में मरम्मत कार्य चल रहा है। सुभाष हास्टल, बीरबल साहनी हास्टल, गोल्डन जुबिली और कैलाश हास्टल में राज्य सरकार ने करीब 12 करोड़ रुपये निर्माण के लिए दिए थे। वहीं, आचार्य नरेंद्र देव हास्टल, एलबीएस हास्टल, हबीबुल्लाह और महमूदाबाद हास्टल को विश्वविद्यालय प्रशासन अपने स्तर से ठीक कराते हुए सुविधाओं से लैस कर रहा है।

चार साल से बाहर रह रहे पीएचडी छात्र

लविवि में पीएचडी छात्रों के लिए बीरबल साहनी हास्टल और छात्राओं के लिए गोल्डन जुबिली छात्रावास बना है। तत्कालीन कुलपति प्रो. एसपी सिंह के समय में पीएचडी छात्रों को यह कहकर हास्टल आवंटन देने पर रोक लगा दी गई थी कि कमरों की हालत अच्छी नहीं है। तब से हास्टल में ताला बंद था। इसके बाद से शोध छात्र विश्वविद्यालय के बाहर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। वर्ष 2020 में नए कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने सभी हास्टल का निरीक्षण कर उन्हें दुरुस्त कराने के निर्देश दिए थे। बीते कई महीने से आठ हास्टल की मरम्मत हो रही है। अप्रैल तक निर्माण कार्य पूरा कराने की तैयारी है।

इस बार यूजी-पीजी के किसी छात्र को नहीं मिला था हास्टल

सभी छात्रावासों में करीब 2200 विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था है। लेकिन निर्माण कार्य की वजह से इस बार एक हजार को आवंटन नहीं किया गया। 2020 में प्रवेश लेने वाले यूजी और पीजी प्रथम वर्ष के छात्र हास्टल आवंटन की मांग को लेकर चक्कर लगा रहे हैं। डीएसडब्लयू प्रो. पूमन टंडन का कहना है कि जैसे ही हास्टल का निर्माण पूरा हो जाएगा, आवंटन भी शुरू कर देंगे।

वाशिंग मशीन, वाटर कूलर की सुविधा

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डा. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि हास्टलों की मरम्मत का कार्य तेजी से चल रहा है। एक महीने में इसे पूरा कराने के लिए कहा गया है। इनमें वाशिंग मशीन, वाटर कूलर सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। आचार्य नरेंद्र देव हास्टल में विदेशी छात्र-छात्राओं के रहने की व्यवस्था होगी। अभी वह बलरामपुर हास्टल और एचआरडीसी गेस्ट हाउस में रह रहे हैं।

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