डेंगू के डंक से बचाने में रामबाण साबित हो रही यूपेटोरियम परफोलिएटम, जानिए विशेषज्ञों की राय

डेंगू मरीजों में तेजी से गिरती प्लेटलेट्स को बढ़ाने में होम्योपैथी दवाएं रामबाण साबित हो रही हैं। नेशनल होम्योपैथी कालेज के पूर्व वरिष्ठ प्रोफेसर डा. शैलेन्द्र सिंह कहते हैं कि होम्योपैथी में डेंगू की रोकथाम इलाज और प्लेटलेट्स बढ़ाने वाली रामबाण दवा मौजूद है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 03:17 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 07:04 AM (IST)
डेंगू के डंक से बचाने में रामबाण साबित हो रही यूपेटोरियम परफोलिएटम, जानिए विशेषज्ञों की राय
नेशनल होम्योपैथी कालेज में सैकड़ों डेंगू मरीजों को पहुंच रहा आराम

लखनऊ, [धर्मेन्द्र मिश्रा]। डेंगू के प्रकोप से राजधानीवासी त्रस्त हैं। अब तक 800 से अधिक एलाइजा पॉजिटिव डेंगू मरीज सामने आ चुके हैं। वहीं संदिग्ध डेंगू बुखार से ग्रस्त हजारों की संख्या में मरीज विभिन्न अस्पतालों की इमरजेंसी से लेकर वार्डों और ओपीडी-आइपीडी तक भरे पड़े हैं। गोमती नगर स्थित नेशनल होम्योपैथी कालेज की ओपीडी भी डेंगू मरीजों व बुखार के अन्य मरीजों से फुल चल रही है। यहां डेंगू के इलाज और रोकथाम दोनों में काम आने वाली यूपेटोरियम परफोलिएटम नामक होम्योपैथी दवा मरीजों के लिए रामबाण साबित हो रही है।

इतना ही नहीं डेंगू मरीजों में तेजी से गिरती प्लेटलेट्स को बढ़ाने में भी होम्योपैथी दवाएं रामबाण साबित हो रही हैं। नेशनल होम्योपैथी कालेज के पूर्व वरिष्ठ प्रोफेसर डा. शैलेन्द्र सिंह कहते हैं कि होम्योपैथी में डेंगू की रोकथाम, इलाज और प्लेटलेट्स बढ़ाने वाली रामबाण दवा मौजूद है। बुखार को काबू करने के लिए भी कारगर दवा है। उन्होंने बताया कि यूपेटोरियम परफोलिएटम डेंगू होने से पहले भी ली जा सकती है। डेंगू होने के बाद भी यह दवा मरीजों को दी जा रही है। नेशनल होम्योपैथी कालेज में यह दवाएं निश्शुल्क उपलब्ध हैं। प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए कैरिका पपाया और टीनस फोरा कार्डिफोलिया नाम की होम्योपैथी दवाएं बेहद कारगर साबित हो रही हैं। इसे मदर टिंचर में मिलाकर दिया जा रहा है।

वहीं बुखार पर काबू पाने के लिए एक्वानाइट और चाइना बेजोड़ है। इससे मरीजों को लाभ मिल रहा है। नेशनल होम्योपैथी कालेज के प्राचार्य डा. अरविंद वर्मा ने बताया कि डेंगू से बचने के लिए यूपेटोरियम परफोलिएटम दवा की सिर्फ चार खुराक लेने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। प्रत्येक हफ्ते इसकी एक खुराक लगातार चार हफ्ते तक लेनी होती है। एक खुराक में 4-6 गोलियां लेनी पड़ती हैं। बच्चे व बड़ों के लिए खुराक की डोज में कोई अंतर नहीं है। ओपीडी में रोजाना सैकड़ों बुखार के मरीज और डेंगू के मरीज यहां आ रहे हैं। दवाएं और परामर्श यहां निश्शुल्क उपलब्ध है।

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