खाली पड़ी हाईटेक टाउनशिप की मुक्त होगी 25 हजार एकड़ जमीन

टाउनशिप के दायरे से बाहर होने के बाद भू-स्वामी जमीन किसी को भी बेच सकेगा। विकास प्राधिकरण या आवास विकास परिषद भी उस जमीन को लेकर आवासीय कालोनी विकसित कर सकेंगे।

By Ashish MishraEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 08:30 AM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 08:30 AM (IST)
खाली पड़ी हाईटेक टाउनशिप की मुक्त होगी 25 हजार एकड़ जमीन
खाली पड़ी हाईटेक टाउनशिप की मुक्त होगी 25 हजार एकड़ जमीन

लखनऊ [अजय जायसवाल]। तकरीबन डेढ़ दशक पहले तत्कालीन मुलायम सरकार द्वारा सूबे में जोर-शोर से लागू की गई हाईटेक टाउनशिप नीति के तहत कुछ न करने वाले विकासकर्ताओं पर अब योगी सरकार की टेढ़ी नजर है। नीति के तहत तमाम छूट हासिल करने के बावजूद आवासीय जरूरतें पूरी न करने वाले निष्क्रिय विकासकर्ताओं के हाईटेक टाउनशिप के लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही सरकार उनके अधिकार क्षेत्र से तकरीबन 25 हजार एकड़ भूमि भी मुक्त कराएगी। टाउनशिप के दायरे से बाहर होने के बाद भू-स्वामी जमीन किसी को भी बेच सकेगा। विकास प्राधिकरण या आवास विकास परिषद भी उस जमीन को लेकर आवासीय कालोनी विकसित कर सकेंगे।

दरअसल, बढ़ती आवासीय मांग को प्राधिकरण व परिषद द्वारा पूरा न कर पाने पर मुलायम सरकार ने निजी क्षेत्र के माध्यम से हाईटेक टाउनशिप विकसित करने का फैसला किया था। नीति के तहत न्यूनतम 1500 एकड़ भूमि पर अत्याधुनिक सुविधाओं वाले टाउनशिप बनाने के लिए विकास कर्ताओं को सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी में छूट सहित तमाम सुविधाएं दी थी ताकि निजी निवेश से सभी आय वर्ग के लिए 2.40 लाख भवन-भूखंड विकसित हो सकें। गौर करने की बात यह है कि नीति के तहत आठ महानगरों में जिन 13 हाईटेक टाउनशिप को सरकार ने मंजूरी दी उनके द्वारा अनुमोदित डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) के मुताबिक अब तक न 35481.46 एकड़ जमीन जुटाई जा सकी है और न ही अपेक्षानुसार भवन-भूखंड के हैं।

खास बात यह है कि टाउनशिप के लिए अनुमोदित जमीन को संबंधित भू-स्वामी विकासकर्ता के अलावा अन्य को नहीं बेच सकता है। ऐसे में विकासकर्ता औने-पौने दाम में जमीन खरीदने की कोशिश में रहते है। उनके जमीन न लेने पर भू-स्वामी कुछ कर भी नहीं पा रहे हैं इससे खरबों रुपये की लगभग 25 हजार एकड़ आवासीय भूमि यूं ही फंसी हुई है। मास्टर प्लान में आवासीय भूमि होने पर भी उस पर अन्य कोई आवासीय योजना विकसित नहीं हो पा रही है।

इस पर योगी सरकार अब हाईटेक टाउनशिप नीति में ही बदलाव करने जा रही है। इस संबंध में गठित समिति ने प्रस्तावित संशोधित नीति सरकार को सौंप दी है। उच्च स्तरीय हरी झंडी मिलते ही संशोधित नीति के तहत सरकार उन विकास कर्ताओं के लाइसेेंस निरस्त करेगी जिनके द्वारा कुछ नहीं किया गया है। आस-पास की 80 फीसद जमीन (निरंतरता में) क्रय कर चुके विकासकर्ताओं के लिए शेष 20 फीसद भूमि छोड़ते हुए सरकार अनुमोदित क्षेत्रफल की बची हुई जमीन को टाउनशिप के दायरे से बाहर करेगी। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि इस बारे में प्राधिकरणों से ब्योरा जुटाकर जल्द ही फैसला किया जाएगा। देखा जाएगा कि क्या विकासकर्ताओं ने नीति के तहत हाईटेक टाउनशिप विकसित किया है? नीति का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।

सात टाउनशिप में तो कुछ न हुआ

कुल 13 टाउनशिप में से सात के विकासकर्ताओं ने तो लाइसेंस लेने के बाद टाउनशिप के लिए कुछ किया ही नहीं। मसलन, सहारा इंडिया कारपोरेशन लिमिटेड ने 2005 में कानपुर व लखनऊ में तकरीबन 3500 एकड़ भूमि पर टाउनशिप विकसित करने का लाइसेंस लिया था लेकिन, कुछ न किया। राज्य सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक आगरा में आइवीआरसीएल-नरसी ने भी सिर्फ लाइसेंस ही लिया। मथुरा में सनसिटी, वाराणसी में यूनीटेक, आगरा में यूनीटेक व बुलंदशहर में रिवाज इन्फ्राटेक भी इतनी कम भूमि जुटा सके कि टाउनशिप न विकसित हुई। सातों विकासकर्ता 13470 एकड़ के बजाय सिर्फ 1100 एकड़ भूमि ही ले सके।

अंसल ने भी जुटाया 3362 एकड़ भूमि : लखनऊ में अंसल को 6465 एकड़ भूमि पर हाईटेक टाउनशिप विकसित करनी है लेकिन, अभी 3362.29 एकड़ ही जमीन जुटा सका है। इसी तरह इलाहाबाद में पंचम रियलकॉन 611 एकड़, बुलंदशहर में उत्तम स्टील्स 1060, गाजियाबाद में उप्पल चड्ढा 2850 व सनसिटी 671 तथा लखनऊ में गर्व बिल्डटेक 750 एकड़ भूमि ही टाउनशिप के लिए खरीद सके हैं।

कहां किसे कितनी भूमि पर बनना है टाउनशिप

लखनऊ

-अंसल प्रापर्टी एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड - 6465 एकड़

-सहारा इंडिया कामर्शियल कार्पोरेशन लिमिटेड - 1784 एकड़

-गर्व बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड - 2700 एकड़

गाजियाबाद

-उप्पल-चड्ढा हाईटेक डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड - 4494.31 एकड़

-सनसिटी हाईटेक प्रोजेक्टस प्राइवेट लिमिटेड - 4312.99 एकड़

आगरा

-यूनीटेक लिमिटेड - 1713 एकड़

-आइवीआरसीएल नरसी - 1500 एकड़

कानपुर

-सहारा इंडिया कामर्शियल कार्पोरेशन लिमिटेड - 1794 एकड़

वाराणसी

-यूनीटेक लिमिटेड - 1577.85 एकड़

मथुरा

-सनसिटी हाईटेक प्रोजेक्टस प्राइवेट लिमिटेड - 1500 एकड़

बुलंदशहर

-उत्तम स्टील्स एण्ड एसोसिएट्स - 2504 एकड़

-रिवाज इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड - 3601.19 एकड़

इलाहाबाद

-पंचम रियलकान प्राइवेट लिमिटेड - 1535.12 एकड़

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