UPHESC Recruitment 2021: यूपीएचईएससी जुलाई में कराएगा भर्तियां, जल्द जारी होगा संशोधित कार्यक्रम
UPHESC Recruitment 2021 यूपीएचईएससी ने कोरोना काल में रुकी भर्तियों को जुलाई में शुरू करने का निर्णय लिया है। प्राचार्य पद के अभ्यर्थियों के साक्षात्कार व शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन के साथ असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराने की कवायद जल्द शुरू की जाएगी।
प्रयागराज [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) ने कोरोना काल में रुकी भर्तियों को जुलाई में शुरू करने का निर्णय लिया है। प्राचार्य पद के अभ्यर्थियों के साक्षात्कार व शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन के साथ असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराने की कवायद जल्द शुरू की जाएगी। इसके मद्देनजर सप्ताह भर में आयोग की बैठक बुलाकर समस्त पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। बैठक में साक्षात्कार व लिखित परीक्षा की नई तारीख तय की जाएगी। साथ ही असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में नियम के विपरीत आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह होने पर उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की समस्त गतिविधियां मार्च से रुकी हैं। आयोग ने अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कालेजों के लिए विज्ञापन संख्या-49 के तहत प्राचार्य के 290 पदों की भर्ती निकाली है। इस भर्ती के अभ्यर्थियों का साक्षात्कार व शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन रोका गया है। साक्षात्कार की नई तिथि एक सप्ताह में घोषित होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने 20 मार्च से 9 अप्रैल तक इंटरव्यू कराए थे। उसके बाद पंचायत चुनाव और फिर कोरोना के कारण साक्षात्कार टाल दिए गए थे।
वहीं, विज्ञापन संख्या-50 के तहत निकली असिस्टेंट प्रोफेसर की 2003 पदों की लिखित परीक्षा भी स्थगित की दी गई। असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में 2500 के लगभग आवेदन अपूर्ण हैं। अभ्यर्थियों ने कालेज, विषय, उम्र का ब्योरा ठीक से नहीं भरा है। ऐसे अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल करना है या उन्हें बाहर किया जाएगा, इसका निर्णय भी आयोग की बैठक में लिया जाएगा। वहीं, 20 जून तक प्राचार्य पद के अभ्यर्थियों के साक्षात्कार की नई तारीख घोषित हो सकती है, जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर पद की लिखित परीक्षा का नया कार्यक्रम जून के अंत तक जारी किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में 47 विषयों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के 2003 पदों पर भर्ती से एक लाख युवाओं की आस लगी है। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने 26 मई से परीक्षा प्रस्तावित की थी। लेकिन अन्य परीक्षाओं की तरह इसे भी कोरोना के कारण टालना पड़ गया है। आयोग ने साढ़े चार साल के बाद भर्ती शुरू की थी। 2014 में लिखित परीक्षा शुरू होने के बाद से यह पहला अवसर था जब इतनी बड़ी संख्या में पद विज्ञापित हुए थे। उससे पहले 1984 से 2014 तक सीधे साक्षात्कार के जरिए भर्ती होती थी। चयन को लेकर विवाद तमाम होने पर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और परीक्षा व्यवस्था लागू की गई।