हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से असिस्टेंट लिपिकों के प्रोन्नत करने पर विचार करने को कहा

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कनिष्ठ लिपिकों को असिस्टेंट ट्रेजरी अकाउंटेंट के पदों पर प्रोन्नत किये जाने पर विचार करने का आदेश दिया। कोर्ट ने असिस्टेंट ट्रेजरी अकाउंटेंट के रिक्त पदों के लिए सीधी भर्ती संबंधी विज्ञापन को वापस लिए जाने के फैसले को सही करार दिया है।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 09:09 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 09:09 AM (IST)
हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से असिस्टेंट लिपिकों के प्रोन्नत करने पर विचार करने को कहा
हाई कोर्ट ने कनिष्ठ लिपिकों को असिस्टेंट ट्रेजरी अकाउंटेंट के पदों पर प्रोन्नत किये जाने पर विचार के लिए कहा।

लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कनिष्ठ लिपिकों को असिस्टेंट ट्रेजरी अकाउंटेंट के पदों पर प्रोन्नत किये जाने पर विचार करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने असिस्टेंट ट्रेजरी अकाउंटेंट के रिक्त पदों के लिए सीधी भर्ती संबंधी विज्ञापन को राज्य सरकार द्वारा वापस लिए जाने के फैसले को सही करार दिया है। 

यह आदेश जस्टिस सीडी सिंह की एकल पीठ ने कनिष्ठ लिपिकों व भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए अभ्यॢथयों की ओर से दाखिल 24 अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया। कनिष्ठ लिपिकों ने याचिकाएं दाखिल कर असिस्टेंट ट्रेजरी रजिस्ट्रार के 540 रिक्त पदों पर सीधी भर्ती संबंधी पांच जुलाई, 2016 के विज्ञापन को चुनौती दी थी व जिलाधिकारियों को उनके प्रोन्नति पर विचार किये जाने का आदेश देने की मांग भी की गई थी। वहीं अभ्यॢथयों ने सरकार द्वारा सीधी भर्ती के उक्त विज्ञापन को वापस लेने के 25 जुलाई, 2019 के आदेश को चुनौती दी थी व चयन परिणाम घोषित करने का आदेश देने की मांग की थी।

कोर्ट ने अभ्यॢथयों की याचिकाएं खारिज करते हुए अपने निर्णय में कहा कि अभ्यॢथयों का चयन भी नहीं हुआ है, जबकि कानूनी तौर पर चयनित अभ्यर्थी भी नियुक्ति के अधिकार का दावा नहीं कर सकता। कनिष्ठ लिपिकों की याचिकाओं पर कोर्ट ने कहा कि अवसर की समानता के तहत प्रोन्नति के लिए विचार का अधिकार याचियों को भी प्राप्त है। कोर्ट ने इन याचिकाओं को निस्तारित करते हुए, सरकार को याची कनिष्ठ लिपिकों के प्रोन्नति पर विचार का आदेश दिया है।

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