Cyber Fraud: ठगों के खाते में गई रकम फ्रीज करायेगी यूपी पुलिस, बस तुरंत डायल करें यह नंबर

यूपी पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 155260 को सीधे आपात सेवा 112 से जुड़वाया है। यदि अब किसी व्यक्ति से साइबर अपराधी वित्तीय ठगी करते हैं और ठगी गई रकम किसी बैंक खाते में भेजी गई है तो उस रकम को पुलिस फ्रीज करा देगी।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 08:59 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 06:29 PM (IST)
Cyber Fraud: ठगों के खाते में गई रकम फ्रीज करायेगी यूपी पुलिस, बस तुरंत डायल करें यह नंबर
यूपी 112 से जोड़ा गया नंबर, 24 घंटे के भीतर करनी होगी शिकायत।

लखनऊ, [राज्य ब्यूरो]। साइबर बैंक फ्राड के मामलों में अब अपनी गाढ़ी कमाई वापस पाने के लिए पीडि़त को बेवजह की भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। अब आप एक काल करके ही अपनी ठगी गई रकम को बचा सकेंगे। इसका रास्ता पुलिस ने आसान कर दिया है। साइबर बैंक फ्राड के मामले की शिकायत अब प्रदेश में हेल्प लाइन नंबर 155260 पर की जा सकती है।

यूपी पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 155260 को सीधे आपात सेवा 112 से जुड़वाया है। यदि अब किसी व्यक्ति से साइबर अपराधी वित्तीय ठगी करते हैं और ठगी गई रकम किसी बैंक खाते में भेजी गई है, तो उस रकम को पुलिस संबंधित बैंक की मदद से खाते में ही फ्रीज करा देगी, जिसे पीडि़त व्यक्ति अपने बैंक की मदद से वापस हासिल कर सकेगा। अधिकारियों के मुताबिक यदि ठगी गई रकम को कैश निकाल लिया गया, तो उसे इस माध्यम से वापस नहीं हासिल किया जा सकेगा।

एडीजी साइबर क्राइम राम कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना सिटीजन फाइनेंशियल फ्राड रिपोर्टिंग सिस्टम के तहत जारी राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 155260 को प्रदेश में 112 से जोड़ा गया है। अब यदि किसी व्यक्ति के साथ साइबर ठगी होती है तो वह व्यक्ति 24 घंटे के भीतर इस नंबर पर काल कर सकता है। इस नंबर पर की जानी वाली काल सीधे 112 से जुड़ जाएगी और उसे 112 के काल टेकर रिसीव करेंगे। काल टेकर संबंधित व्यक्ति से उसके साथ हुई ठगी की जानकारी लेने के साथ ही उस ब्योरे को तत्काल साइबर पोर्टल पर उपलब्ध फार्म में दर्ज करेंगे।

फार्म को भरते ही उस बैंक को अलर्ट पहुंच जाएगा, जिसके खाते में ठगी की रकम जमा की गई है। बैंक के नोडल अधिकारी अलर्ट आने के बाद संबंधित खाते में आई रकम को फ्रीज करा देंगे। यानी फिर ठग उस रकम को नहीं निकाल सकेगा। एडीजी ने बताया कि यदि रकम को एक बैंक के खाते से दूसरे किसी बैंक के खाते में भेजा गया है तो संबंधित बैंक ही दूसरे बैंक को अलर्ट भेजकर उस खाते में भी रकम को फ्रीज करा देगा। इसी तरह ठग अगर रकम को किसी ई-वालेट, पेटीएम, फोनपे अथवा ऐसे किसी अन्य खाते में भी भेजते हैं, तब भी उस रकम को संबंधित खाते में फ्रीज करा दिया जाएगा। साथ ही पीडि़त व्यक्ति को उस खाते का ब्योरा भी उपलब्ध करा दिया जाएगा। पीडि़त व्यक्ति फिर अपनी बैंक शाखा के अधिकारियों की मदद से ठगी गई रकम वापस हासिल कर सकेंगे।

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