Lucknow Coronavirus: वायरस ने धीमी की मरीजों की Heart Beat, हेल्थ के लिए इन चीजों का रखें हमेशा ध्यान
नमक सोडियम क्लोराइड है। यह शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। मगर इसके सेवन पर नियंत्रण अहम है। अधिक नमक लेने से व्यक्ति में जहां ब्लड प्रेशर बढ़ेगा वहीं पैरों में सूजन की समस्या भी हो सकती है।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना के तमाम मरीज ठीक होकर घर पहुुंच गए हैं। अब उनमें कई शारीरिक दिक्कतें उभर कर आ रही हैं। फेफड़े के साथ-साथ वायरस ने उनके हृदय पर भी दुष्प्रभाव छोड़ा है। स्थिति यह है कि सीविर (गंभीर) कोविड मरीज ही नहीं एसिंप्टोमेटिक (बिना लक्षण वाले) रोगी में भी हार्ट संबंधी समस्याओं की गिरफ्त में आए हैं। उनमें वायरस की वजह से इम्यूनमीडिएट हार्ट मसल इंजरी हुईं। इससे वह हृदय की मायोकार्डडाइटिस की समस्या से घिर गए। वहीं समस्या को नजरंदाज करने से कार्डियोमायोपैथी की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में उनकी हार्ट की नसें कमजोर हो गईं। उसकी पंपिंग धीमी हो रही है। यह जानकारी हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. भुवन चंद्र तिवारी ने दीं।
पोस्ट कोविड मरीज इन बातों का रखें ध्यान
डॉ. भुवन चंद्र के मुताबिक पोस्ट कोविड मरीज हृदय के साइड इफेक्ट को लेकर सतर्क रहें। कोरोना के एसिंप्टोमेटिक 40 से 50 फीसद रोगियों के हार्ट पर वायरस का दुष्प्रभाव रहा है। वहीं गंभीर रोगी रहे 10 फीसद में कार्डियोमायोपैथी की दिक्कत हुई। ऐसे में घबराहट होना, दिल की धड़कन के बढ़ने का आभास होना, पैरों में सूजन, तेज चलने पर सांस फूलना, रात में बार-बार पेशाब जाने जैसे लक्षण हों तो अलर्ट हो जाएं। ऐसे में ईसीजी-ईको टेस्ट कराएं। वहीं कोरोना से ठीक होकर आए रोगी अचानक हार्ड वर्क करने से बचें। वह धीरे-धीरे अपनी पुरानी फिजिकल एक्टीविटी पर लौटने की कोशिश करें।
पांच ग्राम से अधिक न लें नमक
नमक सोडियम क्लोराइड है। यह शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। मगर, इसके सेवन पर नियंत्रण अहम है। अधिक नमक लेने से व्यक्ति में जहां ब्लड प्रेशर बढ़ेगा, वहीं पैरों में सूजन की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में सामान्य लोगों के लिए जहां नमक की रोजाना डोज पांच ग्राम के करीब होनी चाहिए। वहीं, उच्च रक्तचाप के मरीज ढाई से तीन ग्राम ही नमक लें। उनके शरीर को यह मात्रा भोजन से ही प्राप्त हो जाती है। ऐसे में ऊपर से नमक लेने में रोगी परहेज करें।
हर व्यक्ति जानें अपना नंबर
डॉ. भुवनचंद्र तिवारी ने कहा कि देश में तमाम लोग रक्तचाप की बीमारी से अनभिज्ञ हैं। ऐसे में हर व्यक्ति को ब्लड प्रेशर का अवश्य चेकअप कराना चाहिए। व्यक्ति में सामान्य ब्लड प्रेशर 120 व 80 होना चाहिए। वहीं, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या पहले सिस्टोलिक 140 व डायस्टोलिक 90 मानी गई थी। मगर वर्ष 2017 से अमेरिकन गाइड लाइन में नया मानक तय किया गया। इसमें सिस्टोलिक 130 व डायस्टोलिक 80 तय किया गया है।
रक्तचाप से कई बीमारियों का खतरा
रक्तचाप छिपी हुई बीमारी है। शरीर में यह समस्या धीमे से दस्तक देती है। मगर, यह साइलेंट किलर है। कारण, अधिक दिन तक अनियंत्रित ब्लड प्रेशर व्यक्ति के लिए जानलेवा बन जाता है। इससे व्यक्ति में ब्रेन स्ट्रोक, पैरालिसिस, ब्रेन हेमरेज, हार्ट अटैक, किडनी फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, रेटिनल आर्टरी में रेप्चर भी हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति अचानक अंधेपन का शिकार हो जाता है। लिहाजा, रक्तचाप पर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी है।
प्रश्न : डायबिटीज से पीड़त हूं। पेसमेकर पड़ चुका है। कोरोना के खतरे से कैसे बचूं। सतीश, हरदोई
उत्तर : पेसमेकर को समय-समय पर चेक कराते रहें। शुगर को नियंत्रित रखें। मास्क व शरीरिक दूरी के नियमों का पालन करें। मीठा व अत्यधिक तैलीय खाद्य पदार्थों के खाने से बचें।
प्रश्न : बेटा सितंबर में कोरोना की चपेट में आ गया। चार-पांच दिनों से उसके टेंपोरल रीजन में दर्द हो रहा है। क्या हो सकता है। डॉ. एसएस द्विवेदी, हरदोई
उत्तर : साइनोसाइटिस की समस्या हो सकती है। पहले उसे भाप दें, राहत न मिले तो फिर ब्रेन एमआरआइ कराकर न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाएं। कारण, कोराेना में कभी-कभी कभार क्लाॅटिंग हो जाती है। ऐसे में जांच कर चिंताएं दूर कर लें।
प्रश्न : 25 वर्ष को हूं। पढ़ाई कर रहा हूं। कोई काम करने चलता हूं, घबराहट होने लगती है। सलमान, लखीमपुर
उत्तर : सामान्य समस्या है, घबराएं नहीं। किसी बात को लेकर निरंतर न सोचें। सुबह टहलें, व्यायाम करें, पौष्टिक आहार का सेवन करें। ईसीजी व हीमोग्लोबिन टेस्ट कराकर डॉक्टर को दिखा लें।
प्रश्न : एलर्जी समेत कुछ समस्याएं होने पर वैक्सीन की मनाही है। क्या आइबीएस की बीमारी में कोरोना वैक्सीन लगवाई जा सकती है। रामनरेश, त्रिवेणीनगर
उत्तर : आइबीएस बीमारी से वैक्सीनेशन का कोई संबंध नहीं है। आपका जब नंबर आए तय प्रोटोकॉल के अनुसार वैक्सीन लगवा सकते हैं।
प्रश्न : एंजियोप्लास्टी हो चुकी है। अब डॉक्टर बाईपास सर्जरी की सलाह दे रहे हैं। क्या ठीक रहेगा। एचएन त्रिपाठी, लखनऊ
उत्तर : यदि हृदय की कई नसों या कई जगह पर ब्लॉकेज है, तो बाईपास सर्जरी बेहतर रहेगी। एंजियोग्राफी की सीडी व रिपोर्ट लेकर कार्डियक सर्जन से मिलें, उसके अनुसार प्लान बनाएं।
प्रश्न : कोविड के दौरान निमोनिया हो गया। पहले नाक से खून निकला, अब पसिलयों में दर्द हो रहा है। क्या हो सकता है। बिष्ट, कैंट
उत्तर : कोई ब्लड थिनर वाली दवा चल रही है तो ज्यादा न लें। इससे नाक से ब्लीडिंग में राहत मिलेगी। वहीं पसलियों में नहीं, आपकी मांसपेशियों की दर्द है। ऐसे में विटामिन डी की जांच करा लें। विटामिन डी कम होने पर दवा का कोर्स करें। राहत मिलेगी।
प्रश्न : बेटे को एक माह से जुकाम है, राहत नहीं मिल रही है। दवा कोई असर नहीं कर रही है। मंजू पांडेय, लखीमपुर
उत्तर : कोरोना काल में जुकाम को लेकर थोड़ा सतर्क रहें। एक बार जांच करा लें। इसके अलावा साइनस की भी समस्या हो सकती है। ईएनटी के डॉक्टर को दिखाकर एक्स-रे करा लें। तब तक भाप लें और गरारा करें। राहत मिलेगी।
प्रश्न : कभी-कभी बीपी बढ़ने का आभास होता है। ऐसे में क्या किया जा सकता है। संजय वर्मा, सीतापुर
उत्तर : बीपी रीडिंग का चार-पांच दिनों का चार्ट बनाकर डॉक्टर से मिलें। वजन कम करें। नमक व तैलीय पदार्थों का सेवन भी कम करें।
प्रश्न: कोरोना निगेटिव होने के बाद बीपी की समस्या हो गई है। दवाएं चल रही थीं, बंद कर दीं तो दिक्कत फिर महसूस हो रही है। संजय वर्मा, सीतापुर
उत्तर : दवा खुद व अचानक नहीं बंद करनी है। डॉक्टर के सुझाव पर धीरे-धीरे दवा का डोज कम करें। वहीं ईसीजी-ईको टेस्ट करा लें। घी-तेल का सेवन कम करें।
प्रश्न : ब्लड प्रेशर 170 था, नमक कम करने पर 130 हो गया। भविष्य में क्या कोई दिक्कत हो सकती है। रजनीश, हरदोई
उत्तर : ब्लड प्रेशर दोबारा चेक कराएं। आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है। ईसीजी, ईको के साथ किडनी फंक्शन टेस्ट भी कराएं।
प्रश्न : बड़े भाई 70 वर्ष के हैं। वर्ष 2012 से ब्लड प्रेशर है। क्या दवाएं चलती रहेंगी। नीरज, सीतापुर
उत्तर : जिन दवाओं के सेवन से ब्लड प्रेशर नियंत्रित है। उन्हें अवश्य चलाएं। एक बार ब्लड टेस्ट से क्रिएटिनिन का स्तर भी पता कर लें।
प्रश्न : बेटे में ब्लड प्रेशर की समस्या दवा से कंट्रोल है। मगर हार्ट रेट कभी-कभार बढ़ जाता है। बृजेश कुमार, लखनऊ
उत्तर : यह एंजाइटी या हार्ट में शॉर्ट-सर्किटिंग की समस्या हो सकती है। इसलिए जब धड़कन तेज हो, उस वक्त ईसीजी कराएं। इससे फैक्ट पता चलेगा।
प्रश्न : पत्नी को ब्लड प्रेशर की समस्या है। दवा छोड़ने पर दिक्कत बढ़ जाती है। सांस लेने में तकलीफ होती है। शिवम, रायबरेली
उत्तर : दवाएं नियमित लें। समय-समय पर चेकअप कराएं। खाने में नमक कम करें। वजन पर नियंत्रण रखें।
प्रश्न : कई वर्षों से बीपी है। अब सांस फूल रही है। पैरों में सूजन भी है। राजेश, सुलतानपुर
उत्तर : पैरों में सूजन ब्लड प्रेशर की दवा के साइड इफेक्ट से भी हो सकता है। डॉक्टर से मिलें। अपनी दवाओं की डोज में सुधार कराएं।
प्रश्न : हार्ट की जांच में आइवीसीडी आया है। इसे क्या समझें। मोहन, सीतापुर
उत्तर : यह इंट्रा वेंट्रिकुलर कंडक्शन डिफेक्ट है। इसमें हार्ट का साइज बढ़ना या फिर उसके करंट फ्लो में गड़बड़ी हो सकती है।
प्रश्न : ब्लड प्रेशर कभी-कभी बढ़ता है। दवाएं क्या रोज खानी होंगी। निशा, हरदोई
उत्तर : ब्लड प्रेशर में नियमित दवाएं लेना अनिवार्य है। समय-समय पर चेकअप कर डोज बदली जाती है। ऐसे में डॉक्टर के परामर्श के बगैर इलाज ब्रेक न करें।
प्रश्न : हाई ब्लड प्रेशर की वजह से पैरालिसिस हो गया था। अब ठीक हो गया हूं फिर भी शरीर में झनझनाहट होती है। कल्लू, रायबरेली
उत्तर : ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है तो खतरे की बात नहीं है। यदि यह कम-ज्यादा रहता है तो दवाओं की डोज फिर से तय कराएं।
प्रश्न : चार-पांच वर्ष से हाई ब्लड प्रेशर की दवा ले रहा हूं। अब बीपी डाउन हो गया है। क्या करूं। अनुराग, सुल्तानपुर
उत्तर : दवा के डोज में बदलाव करें। इसमें दवा आधी की जा सकती हैं। वहीं, नमक कम लें। सुबह टहलें।
प्रश्न : एंजियो प्लास्टी हुई थी। कभी-कभी सीने में दर्द होने लगता है। राजकुमार, बाराबंकी
उत्तर : एक बार बीपी चेक करा लें। अगर तेज चलने या मेहनत करने पर दर्द नहीं होता है तो ऐसे में हार्ट रोग का खतरा नहीं है।