Hathras Case : पीड़िता की पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं, पिटाई से मौत: प्रशांत कुमार

Hathras Case दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद फोरेंसिंक लैब की रिपोर्ट से भी पुष्टि हो गई है कि उसके साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था। हाथरस की पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चला जहां पर उसकी मौत हुई थी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 03:09 PM (IST) Updated:Fri, 02 Oct 2020 06:16 AM (IST)
Hathras Case : पीड़िता की पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं, पिटाई से मौत: प्रशांत कुमार
फॉरेंसिक साइस लैब की रिपोर्ट आ गई है। इसमें भी उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है

लखनऊ, जेएनएन। हाथरस के बूलगढ़ी गांव की युवती की मौत का कारण 14 सितंबर को उसके साथ हुई बर्बरतापूर्वक मारपीट है। दिल्ली के सफदरजंगअस्पताल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद फोरेंसिंक लैब की रिपोर्ट से भी इसकी पुष्टि हो गई है कि उसके साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था।

हाथरस की पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चला जहां पर उसकी मौत हुई थी। वहां से गुरुवार को जारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म का जिक्र नहीं है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता की गर्दन पर चोट के निशान हैं और रीढ़ की हड्डियां भी टूटी हुई हैं। पीड़िता को ब्लड इन्फेक्शन और हार्ट अटैक भी आया था। रिपोर्ट के मुताबिक. मौत का वक्त 29 सितंबर सुबह 6 बज कर 55 मिनट बताया जा रहा है।

इस मामले में पीड़िता की फोरेंसिक साइस लैब की रिपोर्ट आ गई है। इसमें भी उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि हाथरस मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। हमको पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद इसी रिपोर्ट का इंतजार था। एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि आगरा की लैब से मिली रिपोर्ट में युवती में शुक्राणु नहीं पाया गया है। कुछ लोगों ने प्रदेश में जातीय तनाव पैदा करने के मकसद से इस केस को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास किया है। इस प्रकरण में पुलिस ने शुरू से ही त्वरित तथा तत्समय कार्रवाई करके माहौल बिगड़ने से बचाया। 

प्रशांत कुमार ने कहा कि अब हम विधिक कार्रवाई के तहत ऐसे लोगों की पहचान में लगे हैं, जिन्होंने प्रदेश के सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के साथ ही जातीय हिंसा को फैलाने का प्रयास किया है। जवाबदेह प्रशासन की बिना अनुमति के बिना काम करके हाथरस को दंगे की आग में झोंकना चाहते थे। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है। आगरा में विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच रिपोर्ट आने एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि मामले को अनावश्यक तूल देकर माहौल खराब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि हाथरस की इस घटना में कुछ लोगों ने जातीय संघर्ष कराने का प्रयास किया गया है। अब उन्हेंं चिह्नित कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म या फिर सामूहिक दुष्कर्म का जिक्र नहीं है। पीड़िता की रीढ़ की हड्डी पर चोट लगी है। पीड़िता की गर्दन पर भी चोट लगी है। पीड़िता को हार्ट अटैक आया था। इसके साथ पीड़िता को ब्लड इन्फेक्शन हुआ था। इसके बाद 29 सितंबर सुबह 6:55 बजे मौत हो गई।

हाथरस कांड को लेकर यूपी सरकार बैकफुट पर गई है। इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बुधवार को चर्चा की थी जिसके बाद प्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जो कि मामले की जांच कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉल के जरिए बुधवार रात लड़की के पिता से बात की और हरसंभव परिवार की मदद का भरोसा दिलाया। मृतका के परिवार के एक सदस्य को कनिष्ठ सहायक के पद पर नौकरी दी जाएगी। परिवार को 25 लाख रुपये की मदद के साथ ही हाथरस शहर में एक मकान भी दिया जाएगा।

गौरतलब है 14 सितंबर को हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव में 19 वर्षीय लड़की के साथ क्रूरता की गई। इसके बाद पहले उसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया और सोमवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जहां पर उसने मंगलवार को दम तोड़ दिया। 

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