Hathras Case: यूपी में हिंसा भड़काने में PFI के अलावा कई और संगठनों व संस्थाओं का भी हाथ
Hathras Case हाथरस कांड के बाद यूपी में जातीय और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश में पीएफआइ और उसकी स्टूडेंट विंग सीएफआइ के साथ ही कुछ अन्य संगठनों और संस्थाओं की भूमिका भी थी। एसटीएफ जांच में ऐसे तथ्य सामने आए हैं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। हाथरस कांड के बाद उत्तर प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) और उसकी स्टूडेंट विंग कैंपस फ्रंट आफ इंडिया (सीएफआइ) के साथ ही कुछ अन्य संगठनों और संस्थाओं की भूमिका भी थी। एसटीएफ की जांच में इन तथ्यों के सामने आने के बाद अब तिरुअनंतपुरम में पकड़े गए सीएफआइ के महासचिव रऊफ शरीफ से पूछताछ बेहद अहम होगी। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि आरोपित रऊफ का मथुरा के मांठ थाने में दर्ज मुकदमे में वारंट-बी दाखिल किया जाएगा। इसी मुकदमें में जल्द उससे आमने-सामने पूछताछ की जाएगी।
हाथरस कांड के बाद मथुरा में बीती पांच अक्टूबर को कैंपस फ्रंट आफ इंडिया के चार सक्रिय सदस्य पकड़े गए थे। अब इस मुकदमे की विवेचना एसटीएफ कर रही है। सूबे में हिंसा भड़काने की साजिश के तहत आरोपित कैंपस फ्रंट आफ इंडिया के सदस्य अतीकुर्रहमान और मसूद को केरल निवासी रऊफ शरीफ के जरिये फंडिंग की बात एसटीएफ की पड़ताल में सामने आई है। इसके साक्ष्य जुटाने के बाद ही एसटीएफ ने रऊफ की तलाश शुरू की थी और पुलिस ने उसके विरुद्ध लुकआउट नोटिस जारी कराया था।
एसटीएफ अब रऊफ शरीफ से मुख्य रूप से कुछ खातों में भेजी गई रकम व विदेश से की गई फंडिंग को लेकर पूछताछ की तैयारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि रऊफ शरीफ से साजिश में शामिल अन्य सहयोगी संगठनों व उनके सक्रिय सदस्यों के बारे में भी पूछताछ की जाएगी। मसूद के खातों से मिली लेनदेन की जानकारियों के आधार पर उसके कुछ अन्य सहयोगियों के बारे में भी छानबीन की जा रही है। कुछ करीबियों के बैंक खातों का भी ब्योरा जुटाया जा रहा है।
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