Happy Birthday AnandiBen Patel : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को जन्मदिन पर CM योगी आदित्यनाथ ने भेंट की श्रीरामचरितमानस

Happy Birthday AnandiBen Patel सीएम योगी आदित्यनाथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल आनंदीबेन को श्रीरामचरितमानस की एक प्रति भेंट करने के साथ जन्मदिन पर शुभकामनाऐं दीं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 11:36 AM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 10:04 PM (IST)
Happy Birthday AnandiBen Patel : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को जन्मदिन पर CM योगी आदित्यनाथ ने भेंट की श्रीरामचरितमानस
Happy Birthday AnandiBen Patel : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को जन्मदिन पर CM योगी आदित्यनाथ ने भेंट की श्रीरामचरितमानस

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को उनके 78वें जन्मदिन पर गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी है।

सीएम योगी आदित्यनाथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल आनंदीबेन को श्रीरामचरितमानस की एक प्रति भेंट करने के साथ जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना भी राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को बधाई देने पहुंचे थे।

गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने 29 जुलाई 2019 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का पदभार संभाला। बच्चों तथा महिलाओं के प्रति बेहद संवेदनशील आनंदीबेन को गुजरात की आयरन लेडी का खिताब भी मिला है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का पद संभालने से पहले वह मध्य प्रदेश की राज्यपाल थीं। आबंदीबेन पटेल 1998 से गुजरात की विधायक थीं। आनंदीबेन पटेल का जन्म मेहसाणा के विजापुर तालुका के खरोद गांव में, 21 नवम्बर 1941 को एक पाटीदार परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम आनंदी बेन जेठाभाई पटेल है। उनके पिता जेठाभाई पटेल एक गांधीवादी नेता थे। उन्हें कई बार लोगों ने गाँव से निकाल दिया था, क्योंकि वह ऊंच-नीच और जातीय भेदभाव को मिटाने की बात करते थे।

आनंदीबेन पटेल के ऊपर अपने पिता का भरपूर प्रभाव पड़ा। उनके आदर्श भी उनके पिता हीं हैं। जब कोई लड़कियों को स्कूल नहीं भेजता था उस समय उनकी मम्मी ने हमेशा पढ़ने के लिए प्रोत्साहन दिया। उन्हीं की तरह आनंदीबेन भी किसी में भेदभाव नहीं रखती हैं।

मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने आज राजभवन, लखनऊ में मा. राज्यपाल आदरणीय श्रीमती @anandibenpatel जी से शिष्टाचार भेंट की एवं उन्हें जन्मदिवस की शुभकामनाएं दीं। pic.twitter.com/4Jn0eTXqRc

— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) November 21, 2019

उन्होंने कन्या विद्यालय में चतुर्थ कक्षा तक की पढ़ाई की। तत्पश्चात उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए ब्याज स्कूल में भर्ती कराया गया, जहां 700 लड़कों के बीच अकेले लड़की थीं। विद्यालीय शिक्षा के दौरान एथलेटिक्स में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए उन्हें बीर वाला पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

वर्ष 1960 में उन्होंने विसनगर के भीलवाई कॉलेज में प्रवेश लिया, जहां पूरे कॉलेज में प्रथम वर्ष विज्ञान में एकमात्र लड़की थी। उन्होंने यहाँ से विज्ञान स्नातक की पढ़ाई पूरी की। स्नातक करने के बाद वे महिलाओं के उत्थान के लिए संचालित महिला विकास गृह में शामिल हो गईं, यह उनकी पहली नौकरी थी। यहां उन्होने 50 से अधिक विधवाओं के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत की।

आनंदीबेन पटेल अपने पति मफतलाल पटेल के साथ 1965 में अहमदाबाद आ गईं, जहां उन्होंने विज्ञान विषय के साथ स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। शिक्षा क्षेत्र में अभिरुचि के कारण उन्होंने यही से एमएड की भी पढ़ाई पूरी की और 1970 में प्राथमिक शिक्षक के रूप में अहमदाबाद के मोहनीबा कन्या विद्यालय में अध्यापन कार्य में संलग्न हो गईं। इस विद्यालय की पूर्व प्रधानाचार्या रह चुकी हैं। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का पद संभालने के बाद से ही वह बच्चों के साथ महिलाओं को लेकर बेहद सजग हैं। बाल आश्रय गृह तथा महिला कल्याण पर उनका फोकस रहता है। इसके साथ ही उन्होंने राजभवन को भी कुछ समय से लिए जनता के लिए खोलने का निर्णय लिया है। राजभवन में अब लोग सुबह तथा शाम को जाते हैं।  

मनकामेश्वर मंदिर में दीपोत्सव, शामिल हुए प्रधानमंत्री के छोटे भाई

वहीं, मनकामेश्वर मंदिर में प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के 78वें जन्मदिवस पर दीपोत्सव का आयोजन किया गया। मनकामेश्वर मंदिर परिसर में आयोजित दीपोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छोटे भाई प्रहलाद दामोदरदास मोदी भी शामिल हुए। मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि की ओर उनका स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री के भाई ने राज्यपाल के जन्म दिवस पर आयोजित आरती में भी हिस्सा लिया। हवन पूजन के साथ 78 घी के दीपक जलाए गए। सभी ने राज्यपाल के दीर्घायु की कामना की। आचार्य आरके पांडेय के मंत्रोच्चारण के बीच हवन पूजन किया गया। महंत ने बताया कि प्रधानमंत्री के भाई ने मंदिर परिसर का अवलोकन किया और मंदिर के इतिहास के बारे में भी जानकारी ली। एक स्कूल के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वह राजधानी आए थे और अचानक मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच गए थे।

 
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