सात समुंदर पार गूंजा सुंदरकांड पाठ, विदेश में भी मनी हनुमान जयंती

लखनऊ ही नहीं समुंदर पार भी मनाया गई हनुमान जयंती ऑनलाइन ग्रुप से पढ़ा गया हनुमान चालीसा।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 08 Apr 2020 03:43 PM (IST) Updated:Wed, 08 Apr 2020 03:43 PM (IST)
सात समुंदर पार गूंजा सुंदरकांड पाठ, विदेश में भी मनी हनुमान जयंती
सात समुंदर पार गूंजा सुंदरकांड पाठ, विदेश में भी मनी हनुमान जयंती

लखनऊ, जेएनएन। कहते हैं यदि आपके अंदर अास्था है तो हर घर मंदिर बन जाता है। कलियुग के एक मात्र जाग्रत देव पवन सुत हनुमान जी जयंती पर बुधवार को कुछ ऐसा ही नजारा आम हुआ। एक ओर जहां मंदिरों में पुजारियों ने बजरंग बली की आरती उतारी और दीप जलाए तो घरों में बजरंग बली के जयकारे के साथ उनकी पूजा की गई। हनुमान चालीसा पाठ और सुंदरकांड के बीच श्रद्धालुओं ने काेराेना से मुक्ति की अंजनि पुत्र से प्रार्थना की।

चैत्र मास की पूर्णिमा को रुद्रावतार हनुमान जी की जयंती पर सूर्योदय के निकट पूजन के शुभ मुहूर्त के चलते श्रद्धालुओं ने सुबह ही पूजन किया और दु:ख निवारण पवनसुत हनुमान जी से खुद के साथ समाज की समृद्धि की कामना की। बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के आरपी शर्मा ने बताया मंदिर के पुजारी पवन मिश्रा की ओर से पूजन किया गया तो हनुमान सेतु मंदिर में पुजारी भगवान जी महाराज ने पूजन किया। पक्कापुल स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी श्रीराम ने बजरंग बाण का वाचन कर कोरोना से मुक्ति की कामना की। अलीगंज के नए और पुराने हनुमान मंदिर समेत सभी मंदिरों में पुजारियों ने पूजन किया। हे दु:खभंजन मारुति नंदन सुन लो मेरी पुकार पवनसुत विनती बारंबार और जय हनुमान ज्ञान गुन सागर से गुंजायमान घरों में देर शाम तक पूजन का क्रम चलजा रहा।

लाल वस्त्र और सिंदूर चढ़ाया

चित्रा नक्षत्र में भगवान शिव ने अपने अंश 11वें रूद्र से माता अंजना के गर्भ से हनुमान जी के रूप में जन्म लिया। इंदिरानगर के पवन शुक्ला ने परिवार के साथ पूजन किया। परिवार के साथ पूजन के दौरान उन्हाेने बच्चों को बजरगंज बली के अवतार के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। संकटमोचन, बजरंगबली, महावीर, पवन पुत्र, आंजनेय, केसरीनंदन हनुमान जी को लड्डे के बजाय लाल वस्त्र और सिंदूर अर्पित कर पूजन किया। अचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि लाल चंदन, लाल फूल, चमेली के तेल का लेप करके भी श्रद्धालुओं ने बजरगंज बली को प्रसन्न किया।

सात समुंदर पार गूंजा सुंदरकांड पाठ

देश ही नहीं विदेशों में भी बजरंग बली के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था नजर आई। जयंती पर अमेरिका के व्योमिंग विश्वविद्यालय में नाैकरी करने वाली डॉ.अनुपमा सिंह ने वहां न केवल सुंदरकांड और 108 बार हनुमान चालीसा पाठ किया बल्कि राजधानी की शिक्षिका नीलिमा सिंह, प्रीति, नम्रता, निरुपमा, रचना,नम्रता नमिता शर्मा, नीरू व शालू सहित 26 से अधिक श्रद्धालुओ को जोड़कर उनके साथ संगत कर लॉक डाउन में भी भक्ति का संचार किया। जूम एप के माध्यम से बनाए ग्रुप से ऑनलाइन पाठ से सभी एक घरों में भक्ति का संचार हुआ। शाम को अपने लैपटॉप पर उस एप से जुड़कर महिलाओं ने पाठ के साथ भजन भी गाए।

आचार्य कौशक चैतन्य ने ऑनलाइन किया बखान

चिन्मय मिशन लखनऊ के आचार्य ब्रह्मचारी कौशिक जी महराज ने श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पवन सुत की महिमा को बताने का प्रयास किया। विनीत ने बताया कि जूम एप के माण्ध्म से श्रद्धालुओं ने उनके प्रवचन आैर सुंदरकांड का घर बैठक आनंद लिया।

सोशल मीडिया में भजन की गूंज

हनुमान जयंती पर चौक में केके चौरसिया ने भजन गाए और उसे सोशल मीडिया में प्रसारित कर श्रद्धालुओं को जोड़ने का काम किया। जीबी चेरीटेबल ट्रस्ट के सुनील गोम्बर ने इंदिरानगर के हनुमत संग्रहालय में परिवार के साथ पूजन किया। और तस्वीरें और वीडियो वायरल किया। जापलिंग रोड पर विवेक तांगड़ी ने बजरंग बाण के साथ सुंदकांड का पाठ किया और वीडियो बनाकर साथियों और श्रद्धालुओं को शेयर किया।

लड्डू की जगह चना गुड़

बजरंग बली काे भले ही लड्डू पसंद हो, लेकिन उन्हें चना और गुड़ भी पसंद है। घरों में श्रद्धालुओं ने पूजन के दौरान चना गुड़ का भोग लगाया और फल अर्पित कर प्रसाद के रूप में वितरण किया। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि जैसे शिव जी को कुछ भी अर्पित कर प्रसन्न किया जा सकता है, वैसे ही उनके अवतार बजरंग बली को भी कुछ भी चढ़ सकता है। लड्डू भी चने के बेसन से बनता है। ऐसे में चना गुड़ चढ़ाकर श्रद्धालुओं ने बजरंग बली का गुणगान किया। 

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