अंधेरी जिंदगी में समृद्धि का उजाला ला रहे सूरज, 200 से अधिक दिव्यांगों की बने ताकत

200 से अधिक दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाकर उन्हें अपने पैरों पर खड़े करने वाले हैं सूर।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sat, 08 Aug 2020 10:25 AM (IST) Updated:Sat, 08 Aug 2020 10:25 AM (IST)
अंधेरी जिंदगी में समृद्धि का उजाला ला रहे सूरज, 200 से अधिक दिव्यांगों की बने ताकत
अंधेरी जिंदगी में समृद्धि का उजाला ला रहे सूरज, 200 से अधिक दिव्यांगों की बने ताकत

लखनऊ[जितेंद्र उपाध्याय]। तीन साल की उम्र में पोलियो की चपेट में आए जिस सूरज के भविष्य को लेकर माता-पिता और सगे संबंधी परेशान रहते थे। वहीं, सूरज अब अपने जैसे लोगों की जिंदगी में समृद्धि की रोशनी ला रहा है। अपने जैसे 200 से अधिक दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाकर उन्हें अपने पैरों पर खड़े करने वाले सूरज प्रदेश के दो लाख से अधिक दिव्यांगों की समस्याओं को हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से न केवल सुनते हैं बल्कि उन्हें न्याय भी दिलाते हैं वह भी निश्शुल्क।  

राजधानी के आइआइएम रोड स्थित सैथा निवासी सूरज कुमार के पिता का निधन हुआ तो उनके ऊपर घर की जिम्मेदारियां भी आ गईं। 39 वर्षीय सूरज ने आर्थिक तंगी के कारण सिर्फ इंटर तक की पढ़ाई की।

दिव्यांग को बस से बाहर फेंक दिया

बात 2008 की है। सूरज राजधानी से रोडवेज बस से बाराबंकी जा रहे थे। सफर के दौरान बस के कंडक्टर ने एक दिव्यांग को बस से बाहर फेंक दिया। यह देख वे कुछ बोलते इससे पहले कंडक्टर उसे बाहर फेंक चुका था, बस उस दिन के बाद से सूरज ने दिव्यांगों की लड़ाई लडऩे का संकल्प लिया फिर दोबारा पीछे मुड़ कर नहीं देखा। एक वर्ष मदद करने के बाद कुछ सफलता मिली, लेकिन किसी संस्था के बगैर उनका मिशन रुक रहा था। 19 जून 2009 को उत्तर प्रदेश विकलांग मंच का गठन किया। सरकारी योजनाओं की हर जानकारी अब उनकी जुबान पर रहती है। प्रदेश के 40 जिलों में 2.23 लाख दिव्यांगों को उन्होंने मंच से जोड़ा और दिव्यांग पेंशन से लेकर अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया। पिछले वर्ष उन्होंने टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर भी बनाया था, जिसके माध्यम से दिव्यांग मदद ले सकते हैं। दिव्यांग जन विकास विभाग की ओर से उन्हें कई बार पुरस्कृत भी किया जा चुका है। 

70 दिव्यांगों को दिलाए 2.88 करोड़ 

अलीगंज निवासी राजीव यादव पैर से दिव्यांग हैं। घर चलाना मुश्किल हो गया था। सूरज ने उन्हें ढाई लाख का बैंक से लोन दिलाया और अब वह अपनी खुद की दुकान चला रहे हैं। चंद्रिका देवी मंदिर के बबलू सिंह भी एक लाख लोन पाकर अपनी जिंदगी संवार रहे हैं। ऐसे ही राजधानी के 70 लोगों को 2.88 करोड़ रुपये की सहायता दिलाकर सूरज उनके जीवन में समृद्धि ला रहे हैं। उनका कहना है कि यही मेरा मेहनताना है कि वह दिव्यांगों के जीवन में समृद्धि ला रहे हैं।

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