यूपी में हॉलमार्किंग कानून लागू होने पर बोले व्यापारी, प्रविधान गलत...इससे स्थापित होगा 'इंस्पेक्टर राज'
लखनऊ में करीब 3000 हजार व्यापारी हैं। इन व्यापारियों का कहा है कि राजधानी समेत प्रदेश में अभी तक न तो पर्याप्त हॉलमार्किंग सेंटर उपलब्ध हैं और न ही इतनी जल्दी सभी आभूषणों पर हॉलमार्किंग कराया जाना संभव है।
लखनऊ, जेएनएन। हॉलमार्किंग कानून 16 जून से लागू हो गया है, लेकिन व्यापारी अभी इसके लिए तैयार नहीं हैं। उनका साफ कहना है कि व्यवस्था का विरोध नहीं है। हॉलमार्किंग हो, लेकिन जल्दबाजी और गलत प्रविधान न हों। इससे इंस्पेक्टर राज स्थापित होगा। राजधानी समेत प्रदेश में अभी तक न तो पर्याप्त हॉलमार्किंग सेंटर उपलब्ध हैं और न ही इतनी जल्दी सभी आभूषणों पर हॉलमार्किंग कराया जाना संभव है। ऐसे में आधी-अधूरी तैयारियों के बीच व्यवस्था कैसे लागू होगी यह प्रश्न है? राजधानी में ही छोटी-बड़ी दुकानें मिलाकर करीब 2,500 से 3,000 के बीच हैं। इनमें से अब तक महज पांच सौ लोगों ने अपना पंजीयन कराया है। सूबे में भी अब तक एक चौथाई कारोबारी रजिस्टर्ड नहीं हुए हैं।
आमजनों को शुद्ध सोना मिले, इस मंशा के खिलाफ कारोबारी नहीं हैं। व्यवस्था लागू हो, लेकिन उसके लिए समय मिलना चाहिए। इतनी जल्दी आभूषणों की हॉलमार्किंग नहीं कराई जा सकती है। साथ ही महंगी धातु होने के कारण सुरक्षा का एक अहम पहलू भी इससे जुड़ा है। -अनुराग रस्तोगी, प्रदेश अध्यक्ष इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन
इस व्यवस्था के अचानक लागू होने से इंस्पेक्टर राज की वापसी हो जाएगी। प्रावधानों पर गौर करते हुए बदलाव किए जाने चाहिए। इतने कम समय में सभी आभूषणों की हॉलमार्किंग कराया जाना संभव नहीं है। -विनोद महेश्वरी, संयोजक उत्तर प्रदेश ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन
बिना इंफ्रास्ट्रक्चर के इसे लागू किया जाना ठीक नहीं है। सुरक्षा को देखते हुए पास-पास सेंटर खोले जाएंं। स्वर्ण आभूषण क्विंटल में होगा। गिने-चुने सेंटर से हॉलमार्किंग कैसे हो पाएगी। संख्या बढ़ जाए तभी इसे लागू होना चाहिए। इससे व्यापारी के सामने बड़ी दिक्कतें खड़ी होंगी। - रवींद्र रस्तोगी, अध्यक्ष लखनऊ सर्राफा एसोसिएशन
ये हैं दिक्कतें पहले इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए, फिर प्रावधान लागू किए जाएं। हर जिले में पर्याप्त संख्या में हॉलमार्किंग सेंटर खोले जाएं। सजा का प्रावधान गलत है, इसे हटाया जाए। पूरे स्टॉक पर हॉलमार्क इतनी जल्दी नहीं लग सकता है। जब तक स्टॉक पर हॉलमार्क नहीं हो जाएगा तब तक दुकान कैसे खुलेगी। प्रदेश के 80 प्रतिशत जिलों में अभी हॉलमार्किंग सेंटर नहीं। ऐसे में आभूषणों में हॉलमार्किंग कराने के लिए 200 से 300 किलोमीटर दूर जाना होगा। जो सुरक्षा की दृष्टि से कतई उचित नहीं है।
लखनऊ सर्राफा कारोबारी आंकड़ों पर एक नजर
ग्राहकों को होगा यह लाभ तय कैरेट के हिसाब से 14, 18 और 22 कैरेट की ज्वेलरी मिलेगी। सोने की शुद्धता बढ़ेगी। मिलावटी ज्वलेरी पर लगेगी रोक। बिना हॉलमार्क बिक्री नहीं हो सकेगी।