लखनऊ की सीजी सिटी में मिले तेंदुए के बाल, तलाश में जुटी वन विभाग की टीम; शहर में अलर्ट

वन विभाग ने दीवार पर तेंदुआ के मिले बाल को कब्जे में ले लिया है और मादा व नर है इसका पता करने के लिए बाल को फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। वन विभाग ने सीजी सिटी के आसपास रहने वालों को सतर्क रहने को कहा है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 08:26 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 01:15 PM (IST)
लखनऊ की सीजी सिटी में मिले तेंदुए के बाल, तलाश में जुटी वन विभाग की टीम; शहर में अलर्ट
लखनऊ के सिजी सिटी व आसपास के गांव में तेंदुए के होने की आशंका है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। सुलतानपुर रोड सीजी सिटी और मस्तेमऊ गांव के जंगल में तेंदुआ मौजूद है। जिस दीवार पर तेंदुआ बैठा दिखा था, वहां पर उसके बाल भी मिले हैं। वह व्यस्क है। वन विभाग ने दीवार पर तेंदुआ के मिले बाल को कब्जे में ले लिया है और मादा व नर है, इसका पता करने के लिए बाल को फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। वन विभाग ने सीजी सिटी के आसपास रहने वालों को सतर्क रहने को कहा है और झुंड बनाकर ही निकलने को कहा गया है।

तेंदुआ की तलाश में वन विभाग की टीम लगी रही लेकिन उसकी कोई लोकेशन नहीं मिल सकी। बारिश होने से पगमार्क के निशान भी नहीं दिखाई दिए। मस्तेमऊ जंगल में पर्याप्त मात्रा में चीतल होने से उसे भोजन की कोई परेशानी नहीं होगी और कुछ दूर तक ही गोमती नदी होने से उसे पानी की कमी नहीं होगी।

गुरुवार शाम चरवाहों द्वारा तेंदुआ देखे जाने की खबर के बाद शुक्रवार को वन विभाग की टीम वहां पहुंची। यहां के कुछ चरवाहे गुरुवार को जानवर चरा रहे थे, तभी उनको दूर पर दीवार पर बैठका कोई जंगली जानवर दिखाई दिया था। चरवाहों ने उसकी फोटो भी खींची थी। चरवाहों का दावा था कि वह तेंदुआ था जो जंगल की ओर चला गया। गांव के रूमेश यादव, निखिल व ज्ञान सिंह ने बताया कि बीते साल भी यहां तेंदुआ देखा गया था। वनाधिकारी मोहनलालगंज सत्येन्द्र सिंह टीम के साथ पहुंचे और टीम को निगरानी में लगा दिया। उनका कहना था कि तेंदुआ के यहां होने पर पिंजड़ा लगाया जाएगा। फारेस्टर योगेश मिश्र ने बताया कि गत वर्ष भी यहां तेंदुआ दिखाई देने की जानकारी मिली थी। तब पिंजरा भी लगाया गया था, लेकिन उसने शायद जगह बदल दी थी। बाद में एक तेंदुआ पकड़ा गया था।

डीएफओ अवध डा.आरके सिंह ने बताया कि जिस दीवार पर तेंदुआ बैठा दिखा था, वहां आज वन विभाग की टीम गई थी। टीम ने मौके पर कुछ बाल पाए है, जो जीव के हैं। तेंदुआ होने की पुष्टि हुई है लेकिन, फिर भी बाल की फांरेसिंक जांच कराई जा रही है, जिससे उसके नर व मादा होने के साथ ही वन्यजीव के बारे अधिकृत पुष्टि हो सके। सीजी सिटी के आसपास रहने वालों को सतर्क रहने को कहा गया और झुंड बनाकर ही निकलने को कहा गया है। रात में अवश्य पडऩे पर ही घर से निकले और छत पर सोने से सावधानी बरतें। बच्चों का भी ध्यान रखें।

जनवरों के अनुकूल है गोमती नदी का जंगल: गत वर्ष 30 अप्रैल को गोसाईगंज के नूरपुर में तेंदुआ देखा गया था और अगले दिन उसे पकड़ा गया तो ग्रामीणों ने कहा था कि इसके दो बच्चे भी हैं। गुरुवार की शाम मस्तेमऊ गांव के पास दिखाई दिया तेंदुआ ग्रामीणों की उस आशंका को एक बार फिर ताजा कर रहा। गोमतीनगर से यहां तक फैला करीब सौ बीघे का जंगल जानवरों के अनुकूल है। दरअसल यहां घना जंगल है, जिसमे पर्याप्त मात्रा में चीतल हैं।

गोसाईगंज के मुल्लाखेड़ा गांव के पास किसान पथ में पड़े पाइप में घुसकर बैठे तेंदुए को 20 मार्च 2018 में पकड़ा गया था। उसका एक पैर जख्मी था।

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