आइपीएस अजय पाल के विरुद्ध एक और शिकायत, गुड़गांव के फर्म संचालक ने SIT को द‍िया बयान

गुड़गांव निवासी लॉ फर्म संचालक संजय कपूर का कहना है कि वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के साथ ही पीएमओ में भी शिकायत कर चुके हैं। संजय कपूरा का दावा है कि पुलिस जांच में सभी मामले झूठे पाए गए ।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 06:50 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 06:50 AM (IST)
आइपीएस अजय पाल के विरुद्ध एक और शिकायत, गुड़गांव के फर्म संचालक ने SIT को द‍िया बयान
पीड़ित कारोबारी ने एसआइटी को दर्ज कराए बयान।

लखनऊ, जेएनएन। विजिलेंस जांच के घेरे में फंसे आइपीएस अधिकारी डॉ.अजय पाल शर्मा के खिलाफ शिकायतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक लॉ फर्म संचालक ने भी डॉ.अजय पाल पर उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाकर उत्पीड़न के संगीन आरोप लगााए हैं। वह न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट तक का दरजवाजा खटखटा चुके हैं। विशेष जांच दल (एसआइटी) इस प्रकरण की जांच कर रही है और फर्म संचालक एसआइटी को अपने बयान भी दे चुका है।

गुड़गांव निवासी लॉ फर्म संचालक संजय कपूर का कहना है कि वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के साथ ही पीएमओ में भी शिकायत कर चुके हैं। आईजी रेंज मेरठ उनकी ओर से लगाए गए आरोपों की पहले से ही जांच कर रहे हैं। संजय कपूर का आरोप है कि एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ यमुना एक्सप्रेसवे अर्थारिटी ने मुकदमा दर्ज कराया था। वह इस मामले में कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ पैरवी कर रहे थे। कंपनी के संचालक व अन्य आरोपितों के खिलाफ कोर्ट से गैरजमानतजी वारंट भी जारी हुआ था। संजय कपूर का कहना है कि वह इसी मामले में आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर तत्कालीन एसएसपी अजय पाल शर्मा से मिले थे।

डॉ.अजय पाल शर्मा ने जब सुनवाई नहीं की तो उन्होंने कार्रवाई के लिए आईजी रेंज मेरठ, एडीजी जोन मेरठ व डीजीपी को प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप है कि इसी बात को लेकर डॉ.अजय पाल शर्मा के उनके विरुद्ध ही कार्रवाई शुरू कर दी। अक्टूबर 2018 में उन्हें उनके खिलाफ पंद्रह दिनों में ही पांच मुकदमे दर्ज करा दिए गए। इनमें चार मुकदमे अवैध वसूली के थे और एक दुष्कर्म का। संजय कपूरा का दावा है कि पुलिस जांच में सभी मामले झूठे पाए गए और सभी मुकदमों में अंतिम रिपोर्ट लग चुकी है। संजय कपूर का कहना है कि छह नवंबर 2018 को वह डॉ.अजय पाल शर्मा के खिलाफ शिकायत लेकर डीजीपी से मिलने लखनऊ जा रहे थे। आरोप है कि औरैया के पास डॉ.अजय पाल शर्मा के इशारे पर एक पुलिस टीम ने उन्हें रोका और फर्जी मामले में गिरफ्तार कर फर्जी मामले में फंसा दिया गया।

ध्यान रहे, आइपीएस अधिकारी के विरुद्ध उनकी कथित पत्नी ने भी झूठे मुकदमों में फंसाए जाने के संगीन आरोप लगाए थे। शासन के निर्देश पर इस मामले की जांच भी एसआइटी कर रही है। विजिलेंस भी डॉ. अजय पाल के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का केस दर्ज कर जांच कर रही है। 

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