Illegal Conversion Cases: गुजरात का कारोबारी यूके से हवाला के जरिये करता था फंडिंग, हवाला एजेंटों की हो रही तलाश
एटीएस के एक अधिकारी के मुताबिक मूलरूप से गुजरात का निवासी फेफड़ावाला कई वर्ष पूर्व यूके (यूनाइटेड किंगडम) चला गया था और अब उसने वहां की नागरिकता भी हासिल कर ली है। यूके में रहकर वह अल-फला ट्रस्ट का संचालन करता है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। अवैध मतांतरण के लिए गुजरात का कारोबारी अब्दुल्ला फेफड़ावाला यूके में बैठकर करोड़ों रुपये की फंडिंग कर रहा था। उसके तार आइएसआइ से भी जुड़े होने के तथ्य सामने आए हैं। इस सिंडीकेट से जुड़े कई अन्य हवाला कारोबारी भी हवाला के जरिए अलग-अलग राज्यों में फंडिंग की रकम पहुंचाने में सक्रिय थे। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) अब उनकी तलाश कर रहा है। वहीं हवाला के जरिए फंडिंग के ही मामले में वड़ोदरा (गुजरात) पुलिस उमर गौतम व सलाहुद्दीन को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। गुजरात पुलिस के सामने भी दोनों ने हवाला नेटवर्क से जुड़े कई राज उगले हैं। जिसके बाद महाराष्ट्र, दिल्ली व अन्य राज्यों में इस नेटवर्क से जुड़े लोगों की छानबीन तेज की गई है।
एटीएस के एक अधिकारी के मुताबिक मूलरूप से गुजरात का निवासी फेफड़ावाला कई वर्ष पूर्व यूके (यूनाइटेड किंगडम) चला गया था और अब उसने वहां की नागरिकता भी हासिल कर ली है। यूके में रहकर वह अल-फला ट्रस्ट का संचालन करता है। आरोपित सलाहुद्दीन फेफड़ावाला का एजेंट है जो गुजरात में रहकर उसके हवाला नेटवर्क को संभालता था। फेफड़ावाला के इशारे पर ही सलाहुद्दीन हवाला के जरिए आई रकम को उमर गौतम व अन्य लोगों तक पहुंचाता था।
उल्लेखनीय है कि एटीएस ने गुजरात के अहमदाबाद से आरोपित सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख को हवाला के जरिए फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। एटीएस ने पूर्व में उमर गौतम व उसके साथियों से पूछताछ में सामने आए इन तथ्यों को दूसरी जांच एजेंसियों से भी साझा किया था। जिसके बाद कई राज्यों में इस सिंडीकेट से जुड़े हवाला कारोबारियों की छानबीन चल रही है। अमेरिका व दुबई के जरिए भी फंडिंग किए जाने की बात सामने आई है। एटीएस की जांच में अब तक उमर गौतम व मौलाना कलीम सिद्दीकी की संस्थाओं को 80 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग किए जाने के तथ्य सामने आ चुके हैं।
एटीएस अधिकारियों ने हवाला के जरिए फंडिंग के पुख्ता साक्ष्य मिलने का दावा किया है। सूत्रों का कहना है कि यूपी में रोहिंग्या की घुसपैठ कराने में भी इस सिंडीकेट से जुड़े कई लोगों की भूमिका सामने आई है। एटीएस इस दिशा में छानबीन को आगे बढ़ा रही है। मौलाना कलीम सिद्दीकी की संस्था के खातों की भी छानबीन चल रही है।