गोलमाल : लखनऊ में पकड़ी गई 70 लाख की सुपारी, न तो कोई क्रेता मिला और न ही कोई विक्रेता

करीब 15 दिन की जांच में न तो सप्लायर मिला और न ही माल भेजने वाले। यहां तक कि क्रेता और विक्रेता तक फर्जी निकले। अफसरों के इस तरह जीएसटी में सेंध लगाने वाले तरीके देख अधिकारी हतप्रभ रह गए। ज्वाइंट कमिश्नर ने पूरे माल को जब्त कर लिया है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 05:14 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 07:33 AM (IST)
गोलमाल : लखनऊ में पकड़ी गई 70 लाख की सुपारी, न तो कोई क्रेता मिला और न ही कोई विक्रेता
ट्रैकिंग कर पकड़ी गई 70 लाख की सुपाड़ी, जांच में अस्तित्वहीन फर्म सामने आईं।

लखनऊ, [नीरज मिश्र]। ई-वेबिल पोर्टल को चकमा देकर माल पार कर रहे जीएसटी चोर ट्रैकिंग की विशेष व्यवस्था के फेर में आखिरकार फंस गए। करीब दो हफ्ते चली जांच के बाद अस्तित्वहीन यानी फर्जी फर्में सामने आईं हैं। दिलचस्प यह है कि पकड़ी गई 70 लाख रुपये कीमत की सुपाड़ी का न तो कोई क्रेता मिला और न ही कोई विक्रेता। सुपाड़ी जब्त कर ली गई। अब माल भेजे जाने वालों को जीएसटी टीमें ढूंढ रही हैं।

सुपाड़ी में जीएसटी चोरी को लेकर लगातार सूचनाएं आ रही थीं। इसे लेकर एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 केके उपाध्याय के निर्देश पर ज्वाइंट कमिश्नर एके सिंह और संजय कुमार के दल को सक्रिय किया गया। असम से जैसे ही ट्रक संख्या एनएल01-एसी 8162 और यूपी32-केएन 2356 सुपाड़ी लेकर चलीं। ई-वेबिल जेनेरेट करते ही एमआईएस के तहत दी गई विशेष व्यवस्था के तहत उनकी ट्रैकिंग शुरू कर दी गई। दोनों ट्रक ई-वेबिल दिखाते हुए करीब चार से पांच राज्यों के टोल से गुजरते हुए लखनऊ तक पहुंच गए। जैसे ही दोनों गाडिय़ां किसान पथ पर पहुंची। दोनों ज्वाइंट कमिश्नर की टीम सक्रिय हो गईं। ई-वेबिल में जिस ट्रक को माल उतारने के लिए विकासनगर जाना था वह ऐशबाग की ओर चल दिया।

वहीं कानपुर जाने वाला ट्रक भी ऐशबाग चौराहे के पास धर लिया गया। विकासनगर और उन्नाव कानपुर के जो पते दर्शाए गए थे, उनमें किसी भी तरह व्यवसायिक गतिविधि नहीं मिली। ज्वाइंट कमिश्नर दोनों ट्रक को पकड़ लाए और जांच शुरू की। जेसी संजय कुमार ने बताया कि करीब 15 दिन की जांच में न तो सप्लायर मिला और न ही माल भेजने वाले। यहां तक कि क्रेता और विक्रेता तक फर्जी निकले। अफसरों के इस तरह जीएसटी में सेंध लगाने वाले तरीके देख अधिकारी हतप्रभ रह गए। ज्वाइंट कमिश्नर ने पूरे माल को जब्त कर लिया है। माल भेजे जाने वाले का पता तलाशे जाने के लिए असम के अधिकारियों को कहा गया है।

सुपाड़ी, गारमेंटस, मार्बल समेत कई चीजों में जीएसटी चोरी की शिकायतें आ रही थीं। असम से अभी कुछ दिन पहले ही सुपाड़ी की गाड़ी पकड़ी गई थी। सूचना मिलते ही इस बार तकनीकी का लाभ लेते टीम को सतर्क किया गया। नतीजा सामने बड़ी टैक्स चोरी के रूप में सामने आया है। इसमें सबकुछ फर्जी मिला है। माल को जब्त कर लिया गया है।     -केके उपाध्याय, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1

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