ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों को छह माह की छूट, नहीं लगेगी पेनाल्टी; जानिए यूपी कैबिनेट के फैसले...

नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 30 Jun 2020 11:00 PM (IST) Updated:Wed, 01 Jul 2020 07:12 AM (IST)
ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों को छह माह की छूट, नहीं लगेगी पेनाल्टी; जानिए यूपी कैबिनेट के फैसले...
ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों को छह माह की छूट, नहीं लगेगी पेनाल्टी; जानिए यूपी कैबिनेट के फैसले...

लखनऊ, जेएनएन। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कोरोना की वजह से प्रभावित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए छह माह की छूट दे दी गई है। इस अवधि का उन्हें समय विस्तारण शुल्क नहीं देना होगा। औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्रों का प्रस्ताव इस बार कैबिनेट की बैठक में रखा जाना था। बैठक न होने पर इसे कैबिनेट बाई सर्कुलेशन स्वीकृति दी गई है।

कोरोना संकट काल आने से पहले औद्योगिक विकास विभाग ने रीयल एस्टेट को राहत देने के लिए जीरो पीरियड का लाभ देने की घोषणा की थी। पांच दिसंबर 2019 को जारी इस आदेश में कहा गया था कि जीरो पीरियड का लाभ उन्हीं डेवलपर को मिलेगा, जो तीस जून, 2021 तक अपने अधूरे प्रोजेक्ट पूरे कर लेंगे। सरकार का मानना है कि कोरोना संकट की वजह से प्रोजेक्ट पूरे होना संभव नहीं था।

लॉकडाउन में जब सारी गतिविधियां ठप थीं तो डेवलपर और घर खरीदारों की समस्या को भी राहत मिलनी चाहिए। इसे देखते हुए ही मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों की ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं को पूरा कराने के लिए छह माह की छूट दे दी गई है। अब 31 दिसंबर 2021 तक परियोजना पूरी करने पर समय विस्तारण शुल्क नहीं देना होगा।

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वैट एक्ट के तहत व्यापारियों को मिलेगा अपील का अतिरिक्त समय : व्यापारियों को उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम, 2008 के तहत अपील करने के लिए अतिरिक्त समय मिल सकेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के प्रारूप को मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई है। वैट एक्ट के तहत व्यापारियों को कर निर्धारण अपील की सुविधा दी गई है। कर निर्धारण से जुड़े मामलों को रीओपेन करने का भी प्राविधान है। इन सबके लिए समय सीमा तय की गई हैं।

कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के कारण व्यापारियों को इसका मौका नहीं मिल पाया है। व्यापारी अपील आदि की सुविधा से वंचित न रह जाएं और शोषण का शिकार न हों, इसलिए सरकार ने उन्हें इसके लिए अतिरिक्त समय देने का निर्णय किया है। इस उद्देश्य से प्रस्तावित अध्यादेश के जरिए उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम में धारा 29(क) जोड़ी जा रही है। इस धारा के जरिए किसी निश्चित तारीख तक पूरी की जाने वाली कार्यवाहियों का समय विशेष परिस्थितियों में बढ़ाने के लिए सरकार को अधिकार दिया जाएगा। विधानमंडल के अगले सत्र में सरकार प्रस्तावित आदेश अध्यादेश का प्रतिस्थानी विधेयक लाएगी।

ध्वस्त होंगे प्रयागराज, बाराबंकी में लोनिवि के जर्जर निरीक्षण भवन : सरकार ने प्रयागराज में ड्रमंड रोड पर और बाराबंकी के हैदरगढ़ ब्लॉक में बने लोक निर्माण विभाग के पुराने और जर्जर निरीक्षण भवनों को निष्प्रयोज्य घोषित कर उन्हें ध्वस्त करने का फैसला किया है। प्रयागराज में ड्रमंड रोड स्थित लोक निर्माण विभाग के 100 वर्ष पुराने निरीक्षण भवन को तोड़कर उसके स्थान पर 28 सुइट और तीन अति विशिष्ट सुइट बनाने का फैसला किया गया है। ध्वस्तीकरण से प्राप्त हुई 18.33 लाख रुपये की धनराशि को बट्टे खाते में डालने का निर्णय किया गया है। बाराबंकी के हैदरगढ़ ब्लॉक में 81 साल पहले बने निरीक्षण भवन को ध्वस्त कर उसके स्थान पर दो अतिरिक्त सुइट बनाए जाएंगे। निरीक्षण निरीक्षण भवन को तोड़ने पर मलबे की बिक्री से प्राप्त होने वाली 10.55 लाख रुपये की धनराशि बट्टे खाते में डाली जाएगी।

मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल को राहत : किसानों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान करने के लिए सरकार ने उप्र राज्य चीनी निगम की मोहिउद्दीनपुर मिल को वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त किए जाने को शासकीय गारंटी 110 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 150 करोड़ रुपये करने का फैसला लिया है। उल्लेखनीय है कि मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल को पेराई सत्र 2019-20 का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करने के लिए इंडियन बैंक गोमतीनगर लखनऊ से ऋण प्राप्त करना है। इसके लिए नकद साख सीमा को बढ़ाकर 150 करोड़ रुपये किया गया है। गत पेराई सत्र 2017-18 में शासकीय गारंटी 60 करोड़ रुपये थी जिसको बढ़ाकर वर्ष 2018-19 में 110 करोड़ रुपये किया गया था। शासकीय गारंटी पर देय शुल्क का भुगतान राज्य चीनी निगम द्वारा किया जाना है।

लखनऊ सहित चार जिलों में मोटर दुर्घटना अभिकरण की दो-दो पीठें : योगी कैबिनेट ने मंगलवार को मोटर दुर्घटना प्रतिकर विवादों के शीघ्र निस्तारण के लिए लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज व मेरठ में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण की दो-दो पीठ स्थापित करने का निर्णय लिया है। इन चारों जिलों में काफी अधिक संख्या में वाद लंबित हैं। इसलिए यहां अतिरिक्त पीठ का गठन किया गया है। प्रदेश में अभी तक 71 जिलों में 75 दावा अधिकरण स्थापित हैं। अमेठी, शामली, श्रावस्ती व अंबेडकरनगर ऐसे जिले हैं, जहां लंबित वादों की संख्या कम थी। इसलिए इन जिलों में अभिकरण स्थापित नहीं किया गया था। इनके वादों का निस्तारण पड़ोस के जिलों में स्थित अभिकरण में किया जाता है।

वीवीपैट मशीनें रखने को 23 जिलों में गोदाम निर्माण को दिए 33.9 करोड़ : निर्वाचन विभाग ने वित्तीय 1वर्ष 2019-20 में प्रदेश के 23 जिलों में वीवीपैट मशीनें रखने की खातिर गोदामों के निर्माण के लिए 33.9 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृतियां जारी की। बजट मैनुअल में दी गई व्यवस्था के अनुसार इन वित्तीय स्वीकृतियों को मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दी गई। जिन जिलों में गोदामों के निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी की गई उनमें गोरखपुर, प्रयागराज, गाजियाबाद, हरदोई, लखनऊ, कानपुर नगर, रायबरेली, अमेठी, बरेली, सीतापुर, मैनपुरी, बिजनौर, अलीगढ़, बदायूं, गोंडा, बाराबंकी, देवरिया, हापुड़, बहराइच, जौनपुर, कुशीनगर, बलिया और मुरादाबाद शामिल हैं।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के ड्राइंग-डिजाइन में परिवर्तन को गठित होगी समिति : वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तार और सुंदरीकरण के दूसरे चरण के लिए कंसलटेंट की ओर से उपलब्ध कराई गई ड्राइंग व डिजाइन में आवश्यक परिवर्तन और संशोधन के लिए शासन ने मंडलायुक्त वाराणसी की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का फैसला किया है। धर्मार्थ कार्य विभाग के इस प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई।

पुरानी औद्योगिक निवेश नीति के लाभ पिछले साल सितंबर बाद आवेदन पर नहीं : सरकार ने अखिलेश सरकार की ओर से शुरू की गई अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 के तहत पिकअप और उप्र वित्त निगम द्वारा संचालित की जाने वाली योजनाओं के प्रावधानों के अनुसार लाभ पाने के लिए इकाइयों से आवेदन पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2019 तय करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि योगी सरकार ने औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 को 13 जुलाई 2017 से लागू किया है। इस नीति के लागू होने के बाद भी पुरानी नीति के तहत लाभ पाने के लिए औद्योगिक इकाइयों की ओर से आवेदन पत्र लगातार प्राप्त हो रहे हैं। इसलिए शासन ने इसकी कट ऑफ डेट तय करने का फैसला किया है।

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