लखनऊ के आसपास के गांवों में ग्राम प्रधान रखेंगे अवैध पटाखा कारोबार पर नजर, अलर्ट जारी

ग्रामीण इलाकों में फैले अवैध पटाखा कारोबार पर इस बार ग्राम प्रधान नजर रखेंगे। गांव के आसपास कोई अवैध तरीके से पटाखों का निर्माण या भंडारण तो नहीं कर रहा है इसके लिए ग्राम प्रधानों की जवाबदेही तय की गई है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 08:10 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 02:54 PM (IST)
लखनऊ के आसपास के गांवों में ग्राम प्रधान रखेंगे अवैध पटाखा कारोबार पर नजर, अलर्ट जारी
दीवाली से पहले लखनऊ के ग्रामीण इलाकों में होता पचास करोड़ का पटाखों का अवैध कारोबार।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ के आसपास के ग्रामीण इलाकों में फैले अवैध पटाखा कारोबार पर इस बार ग्राम प्रधान नजर रखेंगे। गांव के आसपास कोई अवैध तरीके से पटाखों का निर्माण या भंडारण तो नहीं कर रहा है इसके लिए ग्राम प्रधानों की जवाबदेही तय की गई है। प्रधानों को सरकारी अधिकारियों के संपर्क में रहकर अवैध पटाखा कारोबार पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर पटाखों को लेकर सख्त आदेश जारी किया है। सरकार ने पहले से ही प्रदूषण को देखते हुए केवल इको ग्रीन पटाखों को ही जलाने की अनुमति दे रही है। इसके बावजूद यूपी के ग्रामीण इलाकों में अवैध पटाखों का बड़ा कारोबार होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ जिले में ही करीब पचास करोड़ का कारोबार फैला हुआ है। कई क्षेत्रों में बारूद जमाकर पटाखे बनाकर दीपावली पर सप्लाई किए जाते हैं। गोसाईगज, मोहनलालगंज और काकोरी इलाके में कई जगहों पर अवैध तरीके से पटाखे बनाए जाते हैं। प्रशासन ने इस बार अवैध पटाखों की रोकथाम के लिए योजना बनायी है। ग्राम पंचायतों को इसके लिए जवाबदेह बनाया जाएगा। जहां पर पहले से पटाखा कारोबार होता आया है उन ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों और सचिवों को अलर्ट कर दिया गया है कही पर भी अगर जरा से आशंका हो तो तत्काल संबंधित थाने या राजस्व कर्मियों को सूचित करेंगे। ग्रामीण इलाकों के थानेदारों को भी निर्देश दिए गए हैं कि पहले से जो लोग अवैध पटाखा कारोबार में लिप्त रहे हैं उनकी निगरानी की जाए। जो भी मकान या इमारत सुनसान जगहों पर हो वहा पुलिस लगातार चेकिंग करेगी। प्रशासन ने लेखपालों को भी इलाकाई भ्रमण के दौरान सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा कारोबारियों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि केवल इको ग्रीन पटाखों को ही बेचने की अनुमति होगी।

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