किसानों को शतप्रतिशत उर्वरक उपलब्ध करायेगी UP सरकार, अधिकतम खुदरा मूल्य पर ही होगी बिक्री

अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ.देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि उर्वरकों की उपलब्धता व वितरण व्यवस्था प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए कृषि विभाग सहकारिता विभाग व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित कर साप्ताहिक मानीटरिंग सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sun, 30 May 2021 02:00 PM (IST) Updated:Sun, 30 May 2021 02:00 PM (IST)
किसानों को शतप्रतिशत उर्वरक उपलब्ध करायेगी UP सरकार, अधिकतम खुदरा मूल्य पर ही होगी बिक्री
यूपी में किसानों को उर्वरक का शतप्रतिशत वितरण सुनिश्चित कराने का कड़ा निर्देश दिया है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। शासन ने किसानों को गुणवत्तायुक्त रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराने तथा उर्वरक का शतप्रतिशत वितरण सुनिश्चित कराने का कड़ा निर्देश दिया है। इसे लेकर सभी मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को विस्तृत निर्देश दिए गए हैं। प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) मशीन के जरिये उर्वरक की बिक्री के बाद सभी किसानों को कैश मेमो या पर्ची उपलब्ध कराने को कहा गया है। डीएपी  व एनपीके उर्वरकों की बिक्री बोरी पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दर पर बिक्री करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं। 

अपर मुख्य सचिव, कृषि  डॉ.देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि उर्वरकों की उपलब्धता व वितरण व्यवस्था प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए कृषि विभाग, सहकारिता विभाग व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित कर साप्ताहिक मानीटङ्क्षरग सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है। उन्होंने कहा है कि नेपाल के सीमावर्ती जिलों में पांच किलोमीटर क्षेत्र में निजी क्षेत्र का कोई उर्वरक विक्रय केंद्र क्रियाशील नहीं रहना चाहिए। प्रदेश में खरीफ-2021 के लिए  यूरिया उर्वरक की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है।

उर्वरकों की उपलब्धता व वितरण के लिए कृषि व राजस्व विभाग की संयुक्त टीम गठित कर सघन रूप से छापे की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये गये हैं। फुटकर के साथ-साथ थोक विक्रेताओं व बफर स्टाकिस्टों के स्टाक का भी सघन निरीक्षण किया जाएगा। यदि कहीं थोक विक्रेता स्थानीय स्तर पर अपने पास उर्वरक का अनावश्यक भंडारण करता पकड़ा जाएगा तो उसके स्टाक को बाजार में किसानों में बिक्री के लिये अवमुक्त किया जाएगा और संबंधित थोक विक्रेता पर कार्यवाही भी की जाएगी। किसानों को पहचान पत्र के आधार पर उनकी जोत व फसल के लिए संस्तुत मात्रा के अनुसार ही उर्वरक मिलेगी, जिससे महंगे उर्वरकों का असंतुलित प्रयोग तथा कृषि के अतिरिक्त अन्य कार्यों में उसके दुरुपयोग को रोका जा सके। क्षेत्रीय अधिकारियों की निगरानी में उर्वरक का वितरण कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। 

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