गोरखपुर भी महानगर क्षेत्र घोषित-यूपी सरकार ने जारी की अधिसूचना, अब हो सकेगा मेट्रो का संचालन

प्रदेश सरकार गोरखपुर में लाइट मेट्रो चलाना चाहती है लेकिन कम आबादी के कारण यह शहर उस दायरे में नहीं आ पा रहा था। इसके लिए शहर को मेट्रोपोलिटन सिटी होना जरूरी होता है। इसके बगैर केंद्र सरकार से मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए अंशदान भी नहीं मिल पाता है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 08:52 PM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 08:52 PM (IST)
गोरखपुर भी महानगर क्षेत्र घोषित-यूपी सरकार ने जारी की अधिसूचना, अब हो सकेगा मेट्रो का संचालन
नगर निगम के साथ ही तीन नगर पंचायत व आठ विकास खंड हुए शामिल।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर को भी महानगर घोषित कर दिया है। शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई। महानगर बनने के साथ ही अब यहां पर मेट्रो के संचालन का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने गोरखपुर नगर निगम के अलावा तीन नगर पंचायत व आठ विकास खंडों को शामिल कर महानगर क्षेत्र घोषित किया है। प्रदेश सरकार गोरखपुर में लाइट मेट्रो चलाना चाहती है, लेकिन कम आबादी के कारण यह शहर उस दायरे में नहीं आ पा रहा था। इसके लिए शहर को मेट्रोपोलिटन सिटी (महानगर) होना जरूरी होता है। इसके बगैर केंद्र सरकार से मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए अंशदान भी नहीं मिल पाता है। इसलिए सरकार ने गोरखपुर शहर को महानगर घोषित कर दिया है। नगर विकास विभाग ने शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

अपर मुख्य सचिव नगर विकास की ओर से जारी आदेश के अनुसार गोरखपुर महानगर क्षेत्र में अब नगर निगम, नगर पंचायत पिपराईच, नगर पंचायत पीपीगंज, नगर पंचायत मुण्डेरा बाजार के अलावा चरगांवा, खोराबार, पिपराईच, सरदार नगर, पिपरौली, जंगल कौडिय़ा, कैम्पियरगंज व भटहट विकास खंड के संपूर्ण क्षेत्र को शामिल कर लिया है।

गोरखपुर में लाइट मेट्रो चलाने का रास्ता साफ : प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में लाइट मेट्रो के संचालन का रास्ता साफ कर दिया है। कैबिनेट ने शुक्रवार को मेट्रो संचालन में आड़े आ रही वैधानिक बाधा को दूर करते हुए गोरखपुर को मेट्रोपोलिटन (महानगर) घोषित करने का प्रस्ताव पास कर दिया। गोरखपुर नगर निगम के आस-पास के कई क्षेत्रों को जोड़कर महानगर क्षेत्र घोषित किया जाएगा।

प्रदेश सरकार गोरखपुर में लाइट रेल ट्रांजिट परियोजना के तहत तीन कोच वाली लाइट मेट्रो चलाना चाहती है, लेकिन कम आबादी के कारण यह शहर उस दायरे में नहीं आ पा रहा था। इसके लिए शहर को मेट्रोपोलिटन सिटी होना जरूरी होता है। चूंकि 10 लाख की आबादी वाले शहरों को ही मेट्रोपोलिटन सिटी (महानगर) का दर्जा मिलता है। इसके बगैर केंद्र सरकार से मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए अंशदान भी नहीं मिलता है। इसलिए सरकार ने गोरखपुर नगर निगम, पिपराइच नगर पंचायत व सटे हुए चार विकास खंडों को लेकर गोरखपुर को महानगर बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया है। नगर विकास विभाग के इस प्रस्ताव को शुक्रवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से मंजूरी दी गई।

दरअसल, बड़ी परियोजनाओं के मामले में केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय की तरफ से वित्तीय मंजूरी देने के लिए अधिकृत किए गए पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआइबी) गठित है। सूत्रों के अनुसार पीआइबी की आगामी बैठक 22 नवंबर को होनी है। इसमें गोरखपुर की लाइट मेट्रो का प्रस्ताव भी रखा जाना है। ऐसे में सरकार इसकी औपचारिकता पूरी करने में जुट गई है। उम्मीद है कि शनिवार को ही गोरखपुर को महानगर क्षेत्र घोषित करने की अधिसूचना जारी हो जाएगी।

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