पनीर, घी, खोया, आइसक्रीम उद्योग लगाने वालों के लिए अच्छी खबर, अनुदान देगी योगी सरकार; जानें- पूरी डिटेल

उत्तर प्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ रहा है ऐसे में पनीर घी खोया सहित अन्य उत्पादों की उपलब्धता बढ़ाने की तैयारी है। जिन लोगों ने प्रसंस्करण उद्योग स्थापित कर लिए हैं उन्हें जल्द ही योगी आदित्यनाथ सरकार अनुदान देगी।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 07:28 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 12:18 AM (IST)
पनीर, घी, खोया, आइसक्रीम उद्योग लगाने वालों के लिए अच्छी खबर, अनुदान देगी योगी सरकार; जानें- पूरी डिटेल
दुग्ध प्रसंस्करण उद्योग स्थापित कर लिए हैं उन्हें जल्द ही योगी आदित्यनाथ सरकार अनुदान देगी।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ रहा है, ऐसे में पनीर, घी, खोया सहित अन्य उत्पादों की उपलब्धता बढ़ाने की तैयारी है। जिन लोगों ने दुग्ध प्रसंस्करण उद्योग स्थापित कर लिए हैं उन्हें जल्द ही योगी आदित्यनाथ सरकार अनुदान देगी। दुग्धशाला विकास विभाग ने इसका प्रस्ताव शासन को भेजा था, उस पर इसी सप्ताह आदेश जारी होने की उम्मीद है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने दुग्ध उत्पादन नीति 2018 में घोषित की है, उस पर अमल किया जा रहा है। यहां दूध का सर्वाधिक उत्पादन होने से प्रसंस्करण के क्षेत्र में विकास, पूंजी निवेश व रोजगार सृजन की संभावनाएं हैं। मेक इन यूपी के तहत दुग्ध प्रसंस्करण प्लांट की स्थापना, दुग्ध अवशीतन प्लांट स्थापित कराए जा रहे हैं। इसके अलावा दूध जांच से संबंधित उपकरण, संबंधित शोध व विकास कराने की प्रक्रिया शुरू हुई है। साथ ही प्रबंधन, पैकेजिंग व मार्केटिंग आधारित आधारभूत ढांचा तैयार किया जा रहा है। प्रदेश में जिन उद्यमियों ने दूध प्रसंस्करण के संबंधित उद्योग लगाए हैं उन्हें बढ़ावा देने के लिए अनुदान दिए जाने की तैयारी है।

दुग्ध विकास अधिकारी रामसागर ने बताया कि दुग्ध नीति के तहत निवेश अनुदान दिया जाएगा। इसके तहत जो दुग्ध प्रसंस्करण आधारित उद्योग स्थापित हुए हैं, उनके विस्तारीकरण, आधुनिकीकरण व उन्नयन के लिए प्लांट में मशीनरी व सिविल कार्य की लागत का 25 प्रतिशत धन अनुदान के रूप में दिया जाएगा। यह धनराशि दिए जाने की अधिकतम 50 लाख रुपये की सीमा तय है। उन्होंने बताया कि पांच करोड़ रुपये का अनुदान विभिन्न उद्योगों को मिलना है, जिन्होंने संयंत्र लगाने की सारी औपचारिकताएं पूरी की हैं।

दुग्ध विकास अधिकारी रामसागर ने बताया कि इस कदम से अन्य उद्यमी भी संयंत्र लगाने को प्रेरित होंगे और जो पहले से उद्योग चल रहे हैं वे और विस्तार कर सकते हैं। इस संबंध में जल्द ही शासन आदेश निर्गत करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि योजना में पहले आओ-पहले पाओ के तहत ही अनुदान दिया जा सकेगा, क्योंकि अनुदान देने की धनराशि तय है।

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