UP सरकार के 28 लाख कर्मियों-पेंशनरों के लिए खुशखबरी, CM योगी ने महंगाई भत्ता जारी करने का दिया आदेश

केंद्र सरकार की तरह उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को भी बढ़ी दर से महंगाई भत्ता (डीए) और पेंशनरों को महंगाई राहत (डीआर) जल्द मिलने जा रही है। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में वित्त विभाग को निर्देश दे दिए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 03:19 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 01:37 AM (IST)
UP सरकार के 28 लाख कर्मियों-पेंशनरों के लिए खुशखबरी, CM योगी ने महंगाई भत्ता जारी करने का दिया आदेश
उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को भी बढ़ी दर से डीए और पेंशनरों को डीआर जल्द मिलने जा रही है।

लखनऊ, जेएनएन। केंद्र सरकार की तरह उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को भी बढ़ी दर से महंगाई भत्ता (डीए) और पेंशनरों को महंगाई राहत (डीआर) जल्द मिलने जा रही है। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में वित्त विभाग को निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में राजकीय कर्मियों के स्थगित किये गए डीए को जारी करने के संबंध में वित्त विभाग तैयारी करे और जल्द प्रस्ताव प्रस्तुत करे। सीएम योगी के इस फैसले से उत्तर प्रदेश सरकार के 28 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को लाभ होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर टीम-9 के साथ प्रदेश में कोविड की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। सीएम की ओर से यह निर्देश दिये जाने के बाद राज्य सरकार के 28 लाख कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए 28 फीसद की बढ़ी दर से महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत के भुगतान की उम्मीद जगी है। 28 फीसद की दर से डीए का भुगतान होने पर 16 लाख राज्य कर्मचारियों की तनख्वाह में मूल वेतन के 11 फीसद का इजाफा होगा। कर्मचारियों को अभी 17 फीसद की दर से डीए का भुगतान हो रहा है। हालांकि वित्त विभाग ने इस बाबत तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन विभाग के जानकारों का कहना है कि 28 फीसद की दर से डीए भुगतान का आदेश अगस्त में जारी होने की संभावना है।

राज्य सरकार ने केंद्र की तर्ज पर पहली जनवरी, 2020 से बीती 30 जून तक राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों को बढ़ी दर से महंगाई भत्ता (डीए) और पेंशनरों को महंगाई राहत (डीआर) के भुगतान पर पिछले साल 24 अप्रैल को शासनादेश जारी कर रोक लगा दी थी। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को पहली जुलाई से 28 फीसद की दर से डीए का भुगतान करने का निर्णय करते हुए इस बाबत शासनादेश जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने कहा है कि जुलाई माह के वेतन के साथ 28 फीसद डीए का भुगतान न होने से कर्मचारी जगत में नाराजगी और निराशा है।

कोरोना से जंग लड़ने की खातिर वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए राज्य सरकार ने पहली जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों को बढ़ी दर से महंगाई भत्ता और पेंशनरों को महंगाई राहत के भुगतान पर पिछले साल 24 अप्रैल को शासनादेश जारी कर रोक लगा दी थी। राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को दिये जाने वाले डीए और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्तों का भुगतान नहीं किया गया है। अब राज्य सरकार के 16 लाख कर्मचारियों को 11 फीसद अधिक डीए के साथ तनख्वाह बढ़ने वाली है। राज्य कर्मचारी 18 महीने से वेतन और पेंशनर अपनी पेंशन बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। कर्मचारियों को अभी 17 फीसद की दर से डीए का भुगतान हो रहा है।

डीए-डीआर के मामले में राज्य सरकार की केंद्र से समानता है। इसलिए राज्य सरकार केंद्र के निर्णय का अनुसरण करती रही है। इस आधार पर कर्मचारी संगठनों ने भी राज्य कर्मचारियों को जुलाई से 28 फीसद की दर से डीए भुगतान करने की मांग शुरू कर दी थी। चुनावी वर्ष में राज्य सरकार कर्मचारियों को बढ़ी दर से डीए का भुगतान करने में देर नहीं करेगी। डीए में 11 फीसद की वृद्धि से राज्य कर्मचारियों के वेतन में खासा इजाफा होगा। उदाहरण के तौर पर 50 हजार रुपये मूल वेतन पाने वाले कर्मचारी की तनख्वाह में 5500 रुपये और एक लाख मूल वेतन पाने वाले की पगार में 11 हजार रुपये का इजाफा होगा।

बता दें कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों का पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को अपर मुख्य सचिव (कार्मिक) देवेश चतुर्वेदी से मिले हैं। परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने 14 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा और केंद्र सरकार की तर्ज पर कर्मचारियों को जल्द महंगाई भत्ते की 11 प्रतिशत की किस्त देने की मांग की गई। बैठक में आश्वासन दिया गया कि इस पर जल्द फैसला होगा। फिलहाल अब अगस्त में ही यह मिल पाएगा। आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों के लिए जल्द नियमावली बनाए जाने का भी आश्वासन दिया गया। कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए पोर्टल बनाए जाने की मांग की गई समाज कल्याण विभाग के संविदा शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ दिए जाने और कई विभागों में रिक्त पदों को पदोन्नति से भरे जाने की भी मांग की गई।

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