Lucknow Plot Scam: गोमती नगर व ट्रांसपोर्ट नगर भूखंड घोटाले की जांच पड़ी सुस्त, दलाल-बाबुओं के घोटालों पर एलडीए डाल रहा पर्दा
लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) के उन बाबुओं पर प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की जिसके कारण लविप्रा की छवि धूमिल हुई। लविप्रा को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हुई। आज वह बाबू दूसरे काम देख रहे हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) के उन बाबुओं पर प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण लविप्रा की छवि धूमिल हुई। लविप्रा को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हुई। आज वह बाबू दूसरे काम देख रहे हैं और लविप्रा जांच की बात कहकर समय व्यतीत कर रहा है। कंप्यूटर में पचास संपत्तियों की जांच साल भर होने का आ रहा है आज तक पूरी नहीं हो सकी। सिर्फ संबंधित अफसर की पेंशन का कुछ फीसद हिस्सा व ग्रेच्यूटी रोककर बताया जा रहा है कि जांच चल रही है। ट्रांसपोर्ट नगर के भूखंड जिनकी फाइलें नहीं हैँ और जो गलत पाए गए हैं, उन पर लविप्रा कब्जा नहीं ले पाया है, सिर्फ तीन भूखंड पर तत्कालीन तहसीलदार राजेश शुक्ला कब्जा ले पाए थे। यही हाल गोमती नगर की पंद्रह संपत्ती का हैं, लविप्रा महीनों से जांच करवा रहा है। भूखंडों की गलत रजिस्ट्रियां लविप्रा के पास हैं, लेकिन संबंधित वकील कुछ भूखंडों को छाेड़कर किसी भूखंड की सत्यापित प्रति तक नहीं निकलवा सके। यह हाल लविप्रा की जांच का है।
लविप्रा जब अपनी संपत्तियों की जांच महीनों में कर रहा हैं, तो आम आवंटियों के मामलों की जांच की क्या रफ्तार होगी,उसका अंदाजा लगाया सकता है। अफसरों का तर्क है कि काम का बोझ ज्यादा है, इसलिए जांच की गति धीमी हो जाती है। वहीं रजिस्ट्री आफिस की भूमिका से वरिष्ठ अफसर इंकार नहीं कर रहे हैं। ट्रांसपोर्ट नगर के भूखंड संख्या सी 63, ई 301, ई 418 ए, एफ 249, एस 10/105 और एस 10/106 की फाइलें लविप्रा आठ माह में नहीं खोज पाया। पूर्व बाबू वीरेंद्र वमाZ द्वारा योजना देखी जा रही थी। उस समय 79भूखंडों की फाइलें गायब थी, एक-एक कर मिली, लेकिन आज भी कई भूखंडों की फाइलें नहीं मिली। अब दूसरे बाबू को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। वहीं पांच भूखंड की जांच पूरी हो गई, लेकिन दो गलत भूखंड जो ट्रासंपोर्ट नगर में मिले थे, उन पर लविप्रा कब्जा नहीं ले सका। गोमती नगर के 2/1 बी विक्रांत खंड को छोड़ दिया जाए, तो लविप्रा कब्जा नहीं ले सका। चौदह भूखंडों की रजिस्ट्री बाहर ही बाहर की गई। नब्बे फीसद भूखंड की रजिस्ट्री की प्रतिलिपि लविप्रा के पास हैं, लेकिन सत्यापन नहीं हो सका। यह हाल लविप्रा की कार्यप्रणाली का है।
लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। जल्द ही गोमती नगर के भूखंडो की सत्यापित प्रतिलिपि आ जाएंगी। जो दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।