Lucknow Jugal Kishore Jewellers Theft: ई-रिक्शा पर लादकर ले गए थे सोना, सीसी फुटेज में हुआ था कैद
पुलिस को ई-रिक्शा चालक के बारे में पता चला जिसे हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ में चालक ने बताया कि अमीनाबाद से उसे दो लोगों ने बुक किया था। इस दौरान एक नक्खास की ओर चला गया था जबकि दूसरा अंबरगंज की तरफ निकला था।
लखनऊ, जेएनएन। जुगल किशोर ज्वैलर्स के यहां चोरी करने के लिए आरोपितों ने 23 घंटे तक समय बिताया। इसके बाद बोरे में सोना, चांदी, हीरा, जवाहरात और नकदी भरने के बाद बिल्डिंग से बाहर निकले। अंसारी ने चोरी होने की जानकारी साजिश में शामिल सर्राफ को दी। इसके बाद शोएब और शेरा ई-रिक्शा पर बोरी लादकर घर की ओर रवाना हो गए। पुलिस ने सीसी फुटेज खंगाले तो उन्हें ई-रिक्शा की फुटेज मिली। संदेह के आधार पर पुलिस ने आरोपितों के भागने का रूट ट्रैक करना शुरू किया। इस बीच पुलिस को ई-रिक्शा चालक के बारे में पता चला, जिसे हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ में चालक ने बताया कि अमीनाबाद से उसे दो लोगों ने बुक किया था। इस दौरान एक नक्खास की ओर चला गया था, जबकि दूसरा अंबरगंज की तरफ निकला था। उधर, पुलिस को स्कूटी का नंबर दिख गया। छानबीन में पता चला कि स्कूटी शोएब नाम के युवक की है। पुलिस टीम गलियों में लगे फुटेज खंगाल ही रही थी कि उन्हें शेरा के बारे में जानकारी मिल गई और उसे दबोच लिया। एडीसीपी पश्चिम ने बताया कि शेरा के खिलाफ लखीमपुर में कई मुकदमे दर्ज हैं। आरोपितों के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी की जा रही है।
बाबा के नाम से दर्ज है असलहा
पीडि़त व्यापारी ने बाबा के नाम से दर्ज पिस्टल और कारतूस भी सेफ में रखी थी, जिसे आरोपित चोरी कर ले गए थे। पुलिस ने आरोपितों के पास से वह पिस्टल और छह कारतूस भी बरामद कर लिए है। पूछताछ में शोएब ने बताया कि मसालची टोला में गैस कटर व अन्य काम होता है, जहां उसने काफी पहले अलमारी व सेफ काटना सीखा था। आरोपित सर्राफ की बड़ी दुकान के करीब खंडहर बिल्डिंग ढूंढ़ते थे, जिससे वह आसानी से ज्वैलरी शॉप में प्रवेश कर सकें। आरोपित घटना के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करते थे। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने वारदात का राजफाश करने वाली टीम को 50 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।
गश्त की खुली पोल
आरोपितों ने ई-रिक्शा पर चोरी का माल ढोकर ले जाने की बात कही है। इस कबूलनामा ने पुलिस की रात्रि गश्त की पोल खोल दी है। एक तरफ पुलिसकर्मी जहां लोगों को रह रोज रोककर उनका नाम पता नोट करते हैं, दूसरी ओर ई-रिक्शा से जा रहे आरोपितों को किसी ने नहीं रोका। पॉलीगन पर तैनात पुलिसकर्मियों की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है।