UP: रायबरेली में प्रेमी संग भागी किशोरी को 19 दिनों तक थाने पर रोका, गायब होने पर परिवारवालों को पीटा

रायबरेली में अजब-गजब कहानी रहस्यमय परिस्थितियों में फिर वापस थाने में मिली किशोरी पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल। प्रेमी संग घर से गुपचुप भागी थी क‍िशोरी। अलग-अलग बयान पैदा कर रहे संदेह। पुलिस कर्मियों पर मारपीट का आरोप।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 08:15 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 08:17 AM (IST)
UP: रायबरेली में प्रेमी संग भागी किशोरी को 19 दिनों तक थाने पर रोका, गायब होने पर परिवारवालों को पीटा
रायबरेली : रहस्यमय परिस्थितियों में थाने से गायब क‍िशोरी, अचानक लौटी वापस। पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल।

रायबरेली, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हैरतअंगेज मामला आया सामने। प्रेमी संग घर से भागी किशोरी को थाने में 19 दिन तक रोककर रखा गया। इस बीच अचानक वह गायब हो गई तो आशंका के आधार पर किशोरी के घरवालों को पीटा गया। बीती बुधवार को फिर किशोरी रहस्यमय परिस्थितियों में वापस थाने आ गई। उसे मीडिया से बात तक नहीं करने दिया गया। घटना से जुड़े कई सवालों के जवाब थानेदार भी नहीं दे रहे हैं।  

पुलिस कर्मियों पर मारपीट का आरोप: मामला जगतपुर क्षेत्र से जुड़े एक गांव का है। ऊंचाहार के लक्ष्मीगंज से राजला नाम का युवक उक्त गांव में पालेसर में काम करने आया था। तभी उसकी किशोरी से नजदीकियां बढ़ गईं। चार फरवरी को दोनों भाग गए, मगर पांच फरवरी को पुलिस ने किशोरी को बरामद कर लिया। छह फरवरी को राजला ने भी गिरफ्तारी दे दी और उसे जेल भेज दिया गया। किशोरी के पिता का आरोप है कि तब से अब तक उसकी बेटी को थाने पर रोककर रखा गया है। मंगलवार (23 फरवरी) को जब उसकी बेटी थाने से गायब हो गई तो जगतपुर पुलिस उसके घर आई। उसे, उसकी पत्नी और दो बेटियों को जमकर मारापीटा। पूछा कि किशोरी कहां गई है, उसे ढूंढकर लाओ। अगले दिन यानी बीते बुधवार (24 फरवरी) को फिर बताया गया कि किशोरी मिल गई है, उसे थाने पर रोका गया है। 

 

अलग-अलग बयान पैदा कर रहे संदेह: किशोरी को 19 दिनों तक थाने में रोकने के प्रश्न पर एसओ अमरनाथ यादव ने बताया कि 164 के बयान सहित अन्य कानूनी कार्रवाई के लिए उसे रोका गया है। किशोरी कहीं गायब नहीं हुई है और न ही उसके घरवालों के साथ कोई मारपीट की गई। वहीं,  सीओ का कहना है किशोरी को उनके घरवालों के सिपुर्द कर दिया गया था। अफसरों के बयान ही संदेह पैदा कर रहे हैं।

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