UP में अब दिव्यांग बच्चियों को निश्‍शुल्‍क आवासीय विद्यालय की सुविधा, लखनऊ के राजकीय ममता विद्यालय में मिलेगा प्रवेश

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से लखनऊ के राजकीय ममता विद्यालय में निश्शुल्क शिक्षा के साथ ही उसके रहने खाने की पूरी व्यवस्था होगी। छह से 18 वर्ष आयु तक की बालिकाओं को यहां इंटर तक की शिक्षा दी जाएगी।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 02:07 PM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 06:10 AM (IST)
UP में अब दिव्यांग बच्चियों को निश्‍शुल्‍क आवासीय विद्यालय की सुविधा, लखनऊ के राजकीय ममता विद्यालय में मिलेगा प्रवेश
दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की पहल, छह से 18 साल तक के मानसिक बच्चों का होगा प्रवेश।

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। यदि आपकी बेटी मानसिक रूप से दिव्यांग है और आप उसकी शिक्षा को लेकर परेशान हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से लखनऊ के राजकीय ममता विद्यालय में निश्शुल्क शिक्षा के साथ ही उसके रहने खाने की पूरी व्यवस्था होगी। छह से 18 वर्ष आयु तक की बालिकाओं को यहां इंटर तक की शिक्षा दी जाएगी। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रवेश होगा।

जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी लखनऊ कमलेश कुमार वर्मा ने बताया कि मानसिक मंदित बालिकाओं को निश्शुल्क शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा लखनऊ के मोहान रोड स्थित राजकीय ममता विद्यालय जीबी पंत राजकीय पालीटेक्निक के सामने विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। सत्र 2021-22 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। छह से 18 वर्ष तक की बालिकाओं को पढ़ाई के साथ ही निश्शुल्क रहने-खाने, वस्त्र, बिस्तर और चिकित्सा की व्यवस्था होगी।

इच्छुक अभिवाक अपनी पुत्री का दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिखाकर प्रवेश फार्म किसी भी कार्यदिवस में कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। परेशानी होने पर मोबाइल नंबर 9621287039 पर संपर्क किया जा सकता है।

राजधानी समेत सभी जिलों में खुलेंगे आश्रालय: मानसिक रूप से विक्षिप्त को सामाजिक मान्यता देने की पहल भी शुरू हो रही है। संयुक्त निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण अमित कुमार सिंह ने बताया कि विभाग ऐसे सार्वजनिक स्थानों पर घूमने वाले निराश्रित मानसिक मंदितों को सहारा देगा। राजधानी समेत प्रदेश के सभी जिलों में ऐसे आश्रय घरों को खोला जाएगा जहां सड़क के किनारे, रेलवे स्टेशनों, बाजारों से मानसिक मंदितों को लाकर रखा जाएगा। इसके लिए पांच करोड़ के बजट का प्रावधान भी किश्या गया है। आश्रय घरों में मानसिक मंदितों को भोजन, कपड़ा, चिकित्सा व मनोरंजन जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।

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