रेलवे में संविदा पर नौकरी के नाम पर ठगी, पांच-पांच लाख में तय हुआ था सौदा
रेलवे में विभिन्न पदों पर नौकरी का युवाओं को दिया था झांसा। पांच-पांच लाख में तय हुआ था सौदा, ढाई लाख लिए थे एडवांस।
लखनऊ, जेएनएन। हरियाणा के करनाल जिले में मजदूरी करने वाले जिला सिंह के बेटे आकाश को रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ढाई लाख रुपये ठग लिए गए। संविदा के आधार पर तैनाती के लिए नियुक्ति पत्र लेकर जब आकाश डीआरएम आफिस पहुंचा तो सारे खेल का पता चल सका।
पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर संविदा पर बुकिंग क्लर्क बनाने का झांसा आकाश की तरह दर्जनों युवकों को दिया गया। अन्नपूर्णा कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर कंपनी के नाम से रेलवे में संविदा पर बुकिंग क्लर्क बनाने के लिए बेरोजगार युवकों से संपर्क साधा गया। कहा गया कि 18 हजार रुपये मासिक वेतन होगा। इसमें टीए व डीए शामिल नहीं होगा। सेवा अस्थायी होगी, जिसे कभी भी समाप्त किया जा सकता है। कहा गया कि पांच लाख रुपये सिक्योरिटी के रूप में जमा करने होंगे। इसे 30 दिन की सेवा पूरी होने पर वापस कर दिया जाएगा। रेलवे में नौकरी के नाम पर कई राज्यों के बेरोजगारों ने सिक्योरिटी डिपॉजिट के लिए पचास फीसद राशि एडवांस दे दी। अभ्यर्थियों ने बताया कि उनसे लेन-देन की सारी बात फोन पर हुई। इसके बाद नवंबर में वे अशोक मार्ग स्थित एक गेस्ट हाउस में बुलाए गए। यहां खुद को विपिन शुक्ल व दिनेश जोशी बताकर दो व्यक्तियों ने ढाई लाख रुपये ले लिए।
पते पर चलता मिला ऑफिस
आकाश ने बताया कि जब वह शुक्रवार को अन्नपूर्णा कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर द्वारा दिए गए पते पर विराज खंड नियर एमिटी ओल्ड कैंपस पहुंचे तो यहां कंपनी का कोई बोर्ड नहीं था। किसी का घर लग रहा था। जहां कुछ बच्चे फॉर्म भर रहे थे।
मांगे कई दस्तावेज
बुकिंग क्लर्क के पद पर ज्वाइन करने के लिए अभ्यर्थियों से उनके शैक्षिक दस्तावेजों के अलावा कई अन्य दस्तावेज भी मांगे गए। इनमें सरकारी डॉक्टर द्वारा बनाया हुआ मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट, एसपी का जारी किया हुआ छह माह तक का चरित्र प्रमाण पत्र और 10 व 100 रुपये का शपथ पत्र शामिल था।