लखनऊ में मंत्री कोटे से रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर ऐंठे 20 लाख, आसनसोल में कराई छह माह की ट्रेनिंग
आरोपितों ने छह माह तक पश्चिम बंगाल में ट्रेनिंग कराई। ज्वाइनिंग पत्र की पड़ताल कराई तो पता चला कि वह फर्जी है। इसके बाद तहरीर देकर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इंस्पेक्टर ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
लखनऊ, जेेेेेेएनएन। मंत्री कोटे से रेलवे में चतुर्थश्रेणी पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर जालसाजों ने चार बेरोजगार युवकों से 20 लाख रुपये ऐंठ लिए। शातिर जालसाजों ने बेरोजगारों को छह माह की आसनसोल में ट्रेनिंग कराई और फिर फर्जी नियुक्तिपत्र थमा दिया। जानकारी होने पर पीड़ितों ने सम्मिलित तहरीर देकर अलीगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
इंस्पेक्टर अलीगंज फरीद अहमद के मुताबिक सीतापुर निवासी मनोज कुमार ने बताया कि डेढ़ साल पहले उनकी मुलाकात गाजीपुर निवासी नित्यानंद से हुई थी। दोनों में अच्छी बातचीत होने लगी। एक दिन नित्यानंद ने अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देते हुए रेलवे में नौकरी लगवाने के लिए कहा। मनोज इसके लिए राजी हो गया। मनोज ने अनपे रिश्तेदार चंद्रमणि, प्रवेश कुमार और अमित से भी यह बात बताई तो वह भी राजी हो गए। प्रति व्यक्ति पांच लाख रुपये घूस का सौदा तय हुआ। मनोज के मुताबिक इस पर उन्होंने 15 लाख रुपये नित्यानंद के खाते में ट्रांसफर किए। उसके बाद पांच लाख रुपये नकद दिए।
नित्यानंद उन्हें लेकर आसनसोल पहुंचा। वहां, उनकी मुलाकात डीआरएफ ऑफिस के स्टेनो से कराई। स्टेनो ने मंत्री कोटे से नौकरी लगवाने की बात कही। इसके बाद उन सबको एक हफ्ते बार ट्रेनिंग के लिए बुलाया। छह माह तक पश्चिम बंगाल में ट्रेनिंग कराई। इसके बाद नियुक्तिपत्र देकर भेज दिया और एक माह बात ज्वाइनिंग करने के लिए कहा। ज्वानिंग के पहले स्टेनो ने बात करने के लिए कहा था। स्टेनो से जब बात करने की तो वह टाल मटोल करने लगा। इस तरह छह माह तक चलता रहा पर ज्वानिंग के लिए नहीं बुलाया। ज्वाइनिंग पत्र की पड़ताल कराई तो पता चला कि वह फर्जी है। इसके बाद तहरीर देकर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इंस्पेक्टर ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।