भ्रष्टाचार के आरोप में लखनऊ में तैनात रहे सीओ पर जुर्माना, गिरफ्तारी का वारंट जारी Lucknow News
भ्रष्टाचार के आरोप में लखनऊ के पूर्व सीओ का गिरफ्तारी वारंट जारी लगा अर्थ दंड। न्यायलय ने सुनाया फैसला।
लखनऊ, जेएनएन। कोर्ट का आदेश न मानने पर न्यायालय ने बतौर गवाह अदालती आदेश को नजर अंदाज का दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश संदीप गुप्ता की अदालत ने लखनऊ में तैनात पूर्व सीओ बीपी अशोक को पचास रुपये के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। यही नहीं, छह जनवरी के लिए गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है।
अदालत ने पुलिस अधीक्षक बीपी अशोक के विरुद्ध अदालती कार्यवाही करने का आदेश देते हुए कहा है कि अदालत के आदेश की सूचना पत्र के माध्यम से प्रमुख सचिव गृह एवं प्रदेश के पुलिस महानिदेशक लखनऊ को भी भेजा जाए। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अर्थदंड की धनराशि बीपी अशोक के वेतन से काटी जाएगी एवं सर्विस बुक में भी चस्पा की जाएगी। न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने गवाह के कृत्य को बहुत ही गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रमुख सचिव गृह एवं पुलिस महानिदेशक आदेश का अनुपालन कराकर कृत कार्यवाही से अदालत को अवगत कराए। अदालत ने मुकदमे की की जानकारी निदेशक अभियोजन निदेशालय को भी दिए जाने को कहा है। आदेश में कहा गया है कि चूंकि गवाह जानबूझकर अदालत में हाजिर नहीं हो रहा है। इसके कारण उसकी उपस्थिति सुनिश्चित किए जाने हेतु गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाए।
इस प्रकरण में सिपाही गंगाराम के विरुद्ध वर्ष 2007 में कोतवाली हजरतगंज में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ था। अदालत के समक्ष पुलिस पैरोकार द्वारा बताया गया कि किसी भी पुलिस अधिकारी को सम्मन अथवा नोटिस व्यक्तिगत रूप से तामील नहीं कराई जाती है, बल्कि उसे कार्यालय में प्राप्त कराई जाती है। इस पर अदालत ने कहा कि बी.पी. अशोक जानबूझकर अदालत में उपस्थित नहीं हो रहे हैं। मामले में अगली सुनवाई छह जनवरी 2020 को होगी।