फूडमैन विशाल सिंह कोविड संक्रमण काल में बने रेस्क्यू मैन, जरूरतमंदों को भोजन से साथ दी दवाएं

लखनऊ में पिछले 14 वर्षों से विजय श्री फाउंडेशन प्रसादम सेवा एवं सेवा ट्रस्ट के जरिए विभिन्न अस्पतालों में जरूरतमंद लोगों को भोजन एवं अन्य जरूरी वस्तुएं मुहैय्या करा रहे फूडमैन के नाम से विख्यात विशाल सिंह अब रेस्क्यू मैन भी बन गए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 12:16 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 04:10 PM (IST)
फूडमैन विशाल सिंह कोविड संक्रमण काल में बने रेस्क्यू मैन, जरूरतमंदों को भोजन से साथ दी दवाएं
लखनऊ के फूडमैन विशाल सिंह रेस्क्यू मैन बन गए हैं।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते 14 वर्ष से विजय श्री फाउंडेशन प्रसादम सेवा एवं सेवा ट्रस्ट के माध्यम से अस्पतालों में जरूरतमंद लोगों को भोजन एवं अन्य जरूरी वस्तुएं मुहैय्या करा रहे फूडमैन के नाम से विख्यात विशाल सिंह अब रेस्क्यू मैन भी बन गए हैं। बीते दिनों कोविड-19 के कारण दिवंगत मां को श्रद्धांजलि देने के तुरंत बाद वह लोगों की जान बचाने भूमिका में भी दिखे।

विशाल सिंह की संस्था के जरिए बीते कई वर्ष से लखनऊ के बड़े अस्पतालों में नियमित रूप से रोजाना करीब एक हजार तीमारदारों को मुफ्त भोजन कराया जा रहा है। इसी कारण वह अब फूडमैन विशाल सिंह के नाम से मशहूर भी हो गए हैं। अन्नदान जैसे इस महादान में जुटने की प्रेरणा इन्हेंं करीब 20 वर्ष पहले मिली थी, जब दिल्ली से सटे गुडग़ांव के अस्पताल में अपने पिता के इलाज के समय इन्हे स्वयं कई रात भूखे पेट गुजारनी पड़ी थी।

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान जब सब जगह त्राहिमाम मचा था, लोगों अपने परिवारजन को बचाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, दवाइयां इंजेक्शन और ऑक्सीजन रेगुलेटर जैसी आवश्यक वस्तुएं खरीदने हेतु बाजार भटक रहे थे, ऐसे में एक बार फिर विशाल आगे आए और जरूरतमंद लोगों की मदद की। उन्होंने लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और जीवन रक्षक दवाइयां लोगों को निशुल्क उपलब्ध कराईं।

विशाल सिंह मानते है कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है। उन्होंने बताया कि बाजार से ऑक्सीजन सिलेंडर पर लगने वाला रेगुलेटर लेने के लिए गया तो 2000 का रेगुलेटर 20000 रुपये में ब्लैक कर रहे थे। ऐसे में उन्होंने खुद ही रेगुलेटर बना डाला। इसके लिए उन्होंने इंजेरक्शन लगाने वाली सिरिंज और नल की टोटी के जरिए ऑक्सीजन सिलेंडर पर लगने वाले रेगुलेटर को बनाया और सैकड़ों लोगों को उपलब्ध कराया। उनका प्रयोग कारगर सिद्ध हुआ और लोगों की जान बचा सकी।

फूड मैन विशाल सिंह के सेवा कार्यों को देखकर अटल बिहारी वाजपेयी डीआरडीओ कोविड-19 और एचएएल हज हाउस कोविड-19 सेंटर में तीमारदारों और मेडिकल स्टाफ की सेवा करने को कहा गया। उनकी संस्था ने इसकी जिम्मेदारी स्वीकार की और रोज तीन हजार जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया। तीमारदार और होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों और मजदूरों को भी भोजन उपलब्ध कराया गया।

विशाल सिंह ने शहर के कई अस्पतालों को स्ट्रेचर व्हीलचेयर वाटर कूलर उपलब्ध कराएं हैं। वह बताते हैं कि उनके संगठन को कोई सरकारी मदद नहीं मिलती है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि उनकी इस मुहिम में अधिक से अधिक लोग आवश्यक वस्तुएं देकर जरूरतमंद लोगों की सेवा करें। इस पुनीत कार्य में अपने परिवार की भागीदारी सुनिश्चित कर 'नर सेवा नारायण सेवा' को सार्थक करें।

विशाल मूल रूप से सुहागनगरी फिरोजाबाद के शिकोहाबाद इलाके के रहने वाले हैं। इनके पिता सिंचाई विभाग में कार्यरत थे इसलिए विशाल की शुरुआती शिक्षा रुड़की में हुई। इसके बाद में विशाल काम की तलाश में लखनऊ आ गए। वर्ष 2003 में विशाल के पिता सांस की गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गए। गुडग़ांव के निजी अस्पताल के आइसीयू में इनके पिताजी लंबे समय तक एडमिट रहे। विशाल एक बेहद साधारण परिवार से थे। पिता की बीमारी में काफी पैसा खर्च होने पर इनके परिवार की माली हालत काफी खराब हो गई।

लंबे समय तक अस्पताल में रहने के दौरान विशाल ने तीमारदारों के दर्द को महसूस किया। इनके पास जो पैसे थे वो पिता की बीमारी में खर्च हो रहे थे। जो बच रहे थे वो आगे जरूरत पडऩे की आस में खर्च नहीं किए जा रहे थे। इसी दौरान ऐसा समय भी आया जब विशाल और उनके परिवारीजन को भूखे पेट रह कर अस्पताल में भर्ती पिता की तीमारदारी करनी पड़ी। अस्पताल के बाहर सड़क के किनारे सोना पड़ा। कई बार लोगों से मांग कर अपने और परिवार के लिए भोजन का इंतजाम करना पड़ा। अस्पताल में कठिन समय गुजारने के दौरान विशाल ने संकल्प किया कि जब कभी समर्थ हुए तो वे अस्पताल में मरीजों के साथ रहने वाले गरीब तीमारदारों को मुफ्त में भोजन देने का काम करेंगे।

आज वह लखनऊ में रोज एक हजार तीमारदारों को प्रसादम सेवा के जरिए निशुल्क भोजन मुहैया करा रहे हैं। केंद्र सरकार की संस्था फूड फेडरेशन ऑफ इंडिया ने अपनी मुहिम 'सेव फूड, शेयर फूड, जॉय फूड' के लिए विशाल को साथ में जोड़ा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के दौरान हुए लॉकडाउन में विशाल ने 7.5 लाख से अधिक भोजन के पैकेट जरूरतमंदों और प्रवासी मजदूरों के बीच बांटे थे। इसके लिए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विशाल को छह नवंबर को राजभवन में सम्मानित किया।

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